Haryana News: देशभर में बेटियों को खेल मैदान से जोड़ने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के उद्देश्य से भारत सरकार, खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ एक संयुक्त पहल चला रहे हैं। अस्मिता खेल ही मेरी पहचान मंच के माध्यम से बेटियों को विभिन्न खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
मीडिया प्रभारी सत्यवीर धनखड़ ने बताया कि यह अभियान पूरे भारत के जिलों में जिला स्तर पर खेल आयोजन करवाकर प्रतिभाशाली बेटियों को पहचान देने और उन्हें खेल गतिविधियों से जोड़ने का कार्य करेगा। लक्ष्य यह है कि आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय बेटियों का दबदबा और अधिक बढ़ सके।
जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव प्रदीप यादव ने बताया कि यह मंच सिर्फ प्रतियोगिताएं आयोजित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य नई एथलेटिक प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें विश्वस्तरीय खिलाड़ी के रूप में तैयार करना है। खेल प्रतिभा खोज अभियान के तहत जिले के विभिन्न स्कूलों और खेल केंद्रों से प्रतिभाशाली बालिकाओं को चिन्हित किया जाएगा और उन्हें विशेषज्ञ प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
अस्मिता खेल ही मेरी पहचान एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान 14 वर्ष आयु वर्ग में ट्रायथलॉन ए, ट्रायथलॉन बी, ट्रायथलॉन सी और किड्स जेवलिन जैसे इवेंट शामिल किए गए हैं। वहीं 16 वर्ष आयु वर्ग में 60 मीटर, 600 मीटर दौड़, हाई जंप, लॉन्ग जंप, डिस्कस थ्रो, शॉट पुट और जेवलिन थ्रो प्रतियोगिताएं होंगी। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से बेटियों को खेल की शुरुआती समझ, फिटनेस और तकनीकी प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा।
सरकार और खेल प्राधिकरण की इस पहल से ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और बेटियों को खेलों से जोड़ने का एक मजबूत मंच तैयार होगा।
