इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने केंद्र की भाजपा सरकार पर किसानों के खिलाफ एक और कदम उठाने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि सरकार ने किसानों के ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण (Registration Renewal) का शुल्क 10 गुना तक बढ़ा दिया है।
चौटाला के अनुसार, जहाँ पहले ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण पर मात्र 1080 रुपये का खर्च आता था, वहीं अब किसानों को इसके लिए 10,485 रुपये चुकाने होंगे। INLD प्रमुख ने सरकार के इस फैसले को सीधे तौर पर किसान विरोधी करार देते हुए इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
“भाजपा है बड़े उद्योगपतियों की सरकार”
अभय चौटाला ने एक बयान जारी कर कहा, “भाजपा सरकार पूर्ण रूप से किसान विरोधी सरकार है और लगातार इस बात को सिद्ध भी करती रहती है।” उन्होंने पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि उन्होंने ही ट्रैक्टर को ‘गड्डा’ घोषित करवाया था, ताकि किसानों को खेती और फसल को मंडी तक ले जाने में किसी भी प्रकार का टोल या टैक्स न देना पड़े।
चौटाला ने आगे कहा, “भाजपा की किसान विरोधी मानसिकता का ताजा उदाहरण है कि सरकार ने अब उसी किसान के ट्रैक्टर रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण कराने पर 10 गुना शुल्क बढ़ा दिया है और ऐसा कर किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है। इनेलो प्रमुख ने कहा कि भाजपा बड़े उद्योगपतियों की सरकार है, इसलिए किसान की दुख-तकलीफ की इन्हें कोई फिक्र नहीं है।”
“किसान ने कोविड में देश बचाया, आज उसी पर वार”
INLD नेता ने कोविड काल का स्मरण कराते हुए कहा कि जब सभी उद्योग-धंधे बंद हो गए थे, तब यही किसान और उसका ट्रैक्टर था जिसने देश की अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा को स्थिर रखा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले पांच दशकों में ट्रैक्टर की बदौलत ही कृषि उत्पादन में कई गुना बढ़ोतरी हुई है, जिससे सरकार गरीबों को राशन वितरित कर पा रही है।
क्या दिया सुझाव?
अभय चौटाला ने सरकार के लिए एक सुझाव भी पेश किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में किसानों का हित चाहती है, तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए कृषि कार्य में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण का शुल्क मात्र 100 रुपयेनिर्धारित किया जाना चाहिए।
यह मामला उस समय सामने आया है जब देशभर के किसानों की आर्थिक मुश्किलें एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। सरकार की ओर से अभी तक इस आरोप पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।



