Haryana सरकार ने राज्य के विभागों, बोर्डों, निगमों और स्वायत्त संस्थाओं में खाली क्लास-III पदों को भरने की तैयारियां तेज़ कर दी हैं। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि 26 और 27 जुलाई को आयोजित कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के परिणामों की घोषणा से पहले अपने रिक्त पदों की मांग हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (HSSC) पोर्टल पर 15 नवंबर तक अपलोड करें। यह कदम राज्य में वैकेंसी को समय पर भरने और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
मुख्य सचिव ने जारी किए सख्त निर्देश
हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने एक आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि पूर्व अग्निवीरों द्वारा भरे गए पदों को छोड़कर सभी नए रिक्त पदों और वापस लिए गए पदों को अनिवार्य रूप से HSSC पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इस आदेश के तहत सभी प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त, उपायुक्त, बोर्डों और निगमों के प्रबंध निदेशक और सीईओ को निर्देशित किया गया है कि वे अपने विभागों की रिक्तियों की सूची समय पर पोर्टल पर डालें। इस पहल से न केवल भर्ती प्रक्रिया तेज़ होगी, बल्कि उम्मीदवारों के लिए भी जानकारी और आवेदन की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
HSSC नियम 2025 के तहत प्रक्रिया
राज्य सरकार ने हाल ही में हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (ग्रुप-C और ग्रुप-D के लिए भर्ती प्रक्रिया) नियम, 2025 को अधिसूचित किया है। इन नियमों के तहत राज्य सरकार के अंतर्गत सभी विभागों और संगठनों को अपने खाली ग्रुप-C पदों की मांग आयोग को निर्धारित प्रारूप में भेजनी अनिवार्य है। इसके लिए संबंधित सेवा नियमों में निर्दिष्ट योग्यता मापदंडों का पालन करना जरूरी होगा। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि भर्ती केवल योग्य और सक्षम उम्मीदवारों में ही हो और भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता न हो।
CET परिणाम के बाद भर्ती प्रक्रिया में तेजी
सभी विभागों को दिए गए निर्देशों के अनुसार, CET परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद भर्ती प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा। इससे हरियाणा सरकार के क्लास-III पदों पर समय पर नियुक्तियां की जा सकेंगी और कर्मचारियों की कमी से होने वाली कार्यक्षमता में कमी को रोका जा सकेगा। इस प्रक्रिया से उम्मीदवारों को भी आवेदन करने में सुविधा मिलेगी और सभी रिक्तियों का डेटा HSSC पोर्टल पर एकत्रित और अपडेटेड रहेगा। इसके अलावा, यह कदम राज्य में पारदर्शिता, त्वरित भर्ती और सरकारी विभागों में दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
