दिल्ली : राजधानी दिल्ली में झुग्गियाँ तोड़ने से शुरू हुआ बुलडोज़र एक्शन अब अमीरों के घरों तक पहुँच गया है…. शुक्रवार को सैनिक फार्म इलाके में बुलडोजर की बड़ी कार्रवाई की गई…जानकारी के मुताबिक़ यहाँ डीडीए की भूमि पर बनी आलीशान कोठी को ध्वस्त किया गया है. इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान तैनात थे. वहीं, इस कार्रवाई के दौरान कोठी के मालिक भावुक दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में है, इसके बावजूद डीडीए ने कोठी को तोड़ दिया. दरअसल, दिल्ली के सैनिक फार्म इलाके में शुक्रवार सुबह 4 बजे DDA करीब दर्जनों बुलडोजर के साथ पहुंचा और फिर तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी.
कोठी के मालिक आदिल शेरवानी ने बताया, ”यहां वह अपने परिवार के साथ 1999 से रह रहे हैं. इस कोठी का मामला कोर्ट में भी चल रहा है. शुक्रवार को ही इस कोठी की कोर्ट में हियरिंग भी थी. लेकिन उससे पहले ही DDA की ओर से कोठी को तोड़ दिया गया. मुझे समझ नहीं आ रहा कि एक कोठी को तोड़ने के लिए इतने ज्यादा बुलडोजर की क्या आवश्यकता थी. कोर्ट में सुनवाई होने देते, अगर कोर्ट आदेश देता तो उसके बाद तोड़ देते.’
‘आदिल शेरवानी ने ये भी बताया कि ”हम सुबह अपने कोठी में पूरे परिवार के साथ थे, हम लोग जैसे तैसे सामान को घर से बाहर किये. हमने यह जमीन 1993 में खरीदी थी और 1999 में इस पर कोठी बनाई थी, तब से हम यहां रह रहे थे. लेकिन इसे दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से सरकारी जमीन बताया गया. जबकि यहां और भी कोठी बनी हुई हैं, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन मेरी इस कोठी पर कार्रवाई की गई है. जबकि मामला कोर्ट में था.’’
उधर DDA ने सैनिक फार्म में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर कार्रवाई करते हुए कहा कि ये कार्रवाई उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देशों पर हो रही है, ताकि डीडीए की ज़मीनों पर से अतिक्रमण हटाया जा सके. यमुना खादर जैसे अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी कार्रवाई जारी है. ये कार्रवाई सभी अवैध कब्जों के खिलाफ एक अभियान है, जिसमें दिल्ली पुलिस का सहयोग लिया जा रहा है. आपको बता दें कि दिल्ली में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है तब से अवैध अतिक्रमणों पर लगातार बुलडोजर की कारवाई देखी जा रही है. इससे पहले भी जंगपुरा, कालकाजी, संगम विहार, तुगलकाबाद में भी बुलडोजर एक्शन देखने को मिला था, जहां बड़ी संख्या में घरों को तोड़ा गया था और अवैध अतिक्रमण से सरकारी जमीनों को मुक्त कराया गया है. सरकार ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि सरकारी ज़मीनों से सभी तरह के अतिक्रमणों को हटाया जाएगा
