दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को एक पत्र लिखकर पुरानी गाड़ियों पर लगाई गई रोक को लेकर सख्त रुख अपनाया है। इस चिट्ठी में LG ने कहा है कि दिल्ली इस तरह के फैसले के लिए अभी तैयार नहीं है और इस कदम से आम लोगों को परेशानी हो सकती है। यह पत्र तब आया है जब दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई थी। इस कदम ने एक नया सियासी विवाद शुरू कर दिया है।
चिट्ठी का विवरण
LG की चिट्ठी में पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध को लेकर चिंता जताई गई है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बिना पर्याप्त तैयारी और जनता की सहमति के लिया गया है, जो दिल्ली की जनता के लिए असुविधाजनक साबित हो सकता है। LG ने मुख्यमंत्री से इस नीति पर पुनर्विचार करने और व्यापक चर्चा के बाद ही लागू करने की सलाह दी है। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के बाद ही ऐसे कदम उठाए जाएँ।
सरकारी रुख
दिल्ली सरकार का कहना है कि यह कदम प्रदूषण को कम करने और स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पहले कहा था कि पुरानी गाड़ियाँ दिल्ली के प्रदूषण का बड़ा कारण हैं और इन्हें हटाने से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा। हालांकि, LG की चिट्ठी के बाद सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर जल्द बैठक हो सकती है।
सियासी प्रतिक्रिया
इस पत्र ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने LG के दखल को अनुचित बताते हुए इसे केंद्र सरकार की साजिश करार दिया है। दूसरी ओर, भाजपा ने LG के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि जनता की सुविधा को प्राथमिकता देनी चाहिए। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है, और लोग LG के कदम का स्वागत कर रहे हैं.
चुनौतियाँ और भविष्य
दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, और पुरानी गाड़ियों पर रोक को लेकर पहले भी विवाद हुए हैं। LG की चिट्ठी से इस नीति पर अमल में देरी हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार और LG के बीच सहमति नहीं बनी, तो यह मुद्दा कोर्ट तक जा सकता है। साथ ही, जनता को सार्वजनिक परिवहन में सुधार की उम्मीद है, जिसके बिना यह नीति प्रभावी नहीं होगी।
दिल्ली LG की CM को लिखी चिट्ठी ने पुरानी गाड़ियों पर रोक के मुद्दे को फिर से गरमा दिया है। यह विवाद प्रदूषण नियंत्रण और जन सुविधा के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को उजागर करता है। आने वाले दिनों में सरकार और LG के बीच बातचीत के नतीजे इस नीति की दिशा तय करेंगे, और दिल्लीवासियों की निगाहें इस पर टिकी हैं।