दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एक व्हाट्सएप मैसेज तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि नई बीजेपी सरकार ने दिल्ली की 675 झुग्गी बस्तियों (JJ क्लस्टर) को तोड़ने का आदेश दे दिया है। मैसेज में एक लिस्ट साझा की गई है, जिसमें 675 JJ क्लस्टर के नाम हैं, और लिखा है, “भाजपा का नया नारा—जहाँ से आए थे वहीं भागो, दिल्ली को बेहतर बनाने के नाम पर गरीबों को कुर्बान किया जाएगा।” लेकिन क्या यह दावा सही है? आइए, इसकी पड़ताल करते हैं।
वायरल दावे की सच्चाई
वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि दिल्ली की नई सरकार ने 675 JJ क्लस्टर तोड़ने का आदेश दिया है। लेकिन दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज (26 मई 2025) साफ़ कर दिया कि यह दावा पूरी तरह गलत है। शालीमार बाग के हैदरपुर झुग्गी क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “दिल्ली में एक भी झुग्गी या झुग्गी बस्ती नहीं तोड़ी जाएगी। कुछ लोग साज़िश के तहत यह झूठ फैला रहे हैं कि सरकार 100 दिन भी पूरे नहीं कर पाई और झुग्गियाँ तोड़ने की तैयारी कर रही है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि ऐसा कुछ नहीं होगा।“
सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने झुग्गी बस्तियों के विकास के लिए 700 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस राशि से झुग्गियों में गलियाँ, नालियाँ, खड़ंजा, शौचालय, स्नानघर और बच्चों के लिए पार्क बनाए जाएँगे। उन्होंने वादा किया, “जब तक झुग्गीवालों को पक्के मकान नहीं मिलते, तब तक वे पूरी सुविधाओं के साथ अपनी झुग्गियों में सुरक्षित रहेंगे।” रेखा गुप्ता ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, “उन्होंने झुग्गीवालों को शौचालय तक की सुविधा नहीं दी, उनका जीवन नारकीय था। हम उन्हें बेहतर सुविधाएँ दे रहे हैं।“
वायरल लिस्ट का आधार
वायरल लिस्ट में जिन 675 JJ क्लस्टर का ज़िक्र है, वे दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) की 2015 की सूची से लिए गए हैं। यह सूची उन झुग्गी बस्तियों की है, जो 2006 से पहले बनी थीं और DUSIB एक्ट, 2010 के तहत संरक्षित हैं। इस सूची का उद्देश्य इन बस्तियों को बुनियादी सुविधाएँ देना और पुनर्वास करना था, न कि इन्हें तोड़ना। लेकिन वायरल मैसेज में इसे तोड़फोड़ से जोड़कर भ्रामक दावा किया गया।
पिछले रिकॉर्ड की पड़ताल
DUSIB और दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) के नियमों के अनुसार, किसी भी अधिसूचित JJ क्लस्टर को बिना पुनर्वास के नहीं तोड़ा जा सकता। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी 2023 में शकरपुर स्लम यूनियन मामले में साफ़ किया था कि बिना नोटिस और वैकल्पिक व्यवस्था के झुग्गी बस्ती नहीं तोड़ी जा सकती। हालाँकि, कुछ गैर–अधिसूचित बस्तियों (जो DUSIB की सूची में नहीं हैं) को अतीत में हटाया गया है, जैसे ओखला में 2025 में यमुना फ्लडप्लेन से एक बस्ती को हटाया गया था, लेकिन वह अवैध अतिक्रमण था।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
X पर कुछ यूज़र्स ने इस वायरल मैसेज का समर्थन करते हुए बीजेपी सरकार पर झुग्गी तोड़ने का आरोप लगाया, लेकिन कई यूज़र्स ने इसे भ्रामक बताया। एक यूज़र ने लिखा, “यह पुरानी लिस्ट है, इसे गलत तरीके से फैलाया जा रहा है। सरकार ने तो विकास की बात की है।“
निष्कर्ष
वायरल दावा कि दिल्ली में 675 JJ क्लस्टर तोड़े जाएँगे, पूरी तरह भ्रामक है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ़ किया है कि कोई भी झुग्गी बस्ती नहीं तोड़ी जाएगी, और सरकार इनके विकास के लिए 700 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। यह वायरल मैसेज साज़िश के तहत फैलाया गया प्रतीत होता है। दिल्लीवासियों से अपील है कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक बयानों पर भरोसा करें।