Close Menu
    What's Hot

    From accessibility to empowerment-Aaj Samaaj

    December 3, 2025

    सफर करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, 6 घंटे का सफर अब सिर्फ 3 घंटे का, ट्रायल रन शुरू

    December 3, 2025

    फिनलैंड के शिक्षा मॉडल ने लाखों बच्चों का भविष्य बेहतर…

    December 3, 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Contact Us
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Latest Hindi News, Delhi News (दिल्ली न्यूज),  aaj ki taaja khabar, Today Breaking News, Trending
    • होम
    • बड़ी ख़बर

      From accessibility to empowerment-Aaj Samaaj

      December 3, 2025

      नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी, 5 नक्सली ढेर, दो जवान शहीद-Encounter continues between police and Naxalites in Naxal-affected area of ​​Chhattisgarh, 5 Naxalites killed, 2 soldiers martyred.-Aaj Samaaj

      December 3, 2025

      रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौरे से पहले भारत-रूस के बीच बड़ी डील, पुतिन कल आएंगे भारत

      December 3, 2025

      एसआईआर पर चर्चा के लिए केंद्र की सहमति के बाद इंडिया ब्लॉक ने की मीटिंग

      December 3, 2025

      विपक्षी पार्टियों ने एसआईआर के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

      December 3, 2025
    • दुनिया
    • भारत
    • राजनीति
    • राज्य
    • खेल
    • टेक
    • मनोरंजन
    Wednesday, December 3
    SUBSCRIBE
    Latest Hindi News, Delhi News (दिल्ली न्यूज),  aaj ki taaja khabar, Today Breaking News, Trending
    Home»Breaking News»From accessibility to empowerment-Aaj Samaaj
    Breaking News

    From accessibility to empowerment-Aaj Samaaj

    अंकित कुमारBy अंकित कुमारDecember 3, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram Copy Link
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp LinkedIn Pinterest Email Copy Link


    Editorial Aaj Samaaj सुगमता से सशक्तिकरण तक
    Editorial Aaj Samaaj सुगमता से सशक्तिकरण तक

    Editorial Aaj Samaaj : कार्तिकेय शर्मा, सांसद, राज्यसभा, नई दिल्ली। विश्व दिव्यांगजन दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह स्मरण है कि किसी भी राष्ट्र की वास्तविक प्रगति उसकी अर्थव्यवस्था से उतनी नहीं मापी जाती, जितनी इस बात से कि वह अपने हर नागरिक—विशेषकर उन लोगों—की गरिमा और अवसरों की रक्षा कैसे करता है, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। भारत में दिव्यांगता को लेकर सोच में पिछले वर्षों में एक बड़ा बदलाव आया है। यह विषय अब दया और अनुकंपा का नहीं बल्कि अधिकार, समानता और आत्मसम्मान का है। यह परिवर्तन एक ऐसे समाज की दिशा में इशारा करता है जो दिव्यांगजन को सीमित क्षमताओं वाले लोगों के रूप में नहीं, बल्कि पूर्ण नागरिक और सक्रिय योगदानकर्ता के रूप में देखता है।

    Editorial Aaj Samaaj : सुगमता से सशक्तिकरण तक
    कार्तिकेय शर्मा, सांसद, राज्यसभा

    अधिकार-आधारित दृष्टिकोण मानता है कि दिव्यांगता कोई कमी नहीं बल्कि मानव विविधता का हिस्सा है। समाज का दायित्व है कि वह ऐसा वातावरण बनाए जहा हर व्यक्ति सुगमता, सुरक्षा और सम्मान के साथ जी सके। यही दर्शन दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (आरपीडब्ल्यूडी एक्ट) में व्यक्त होता है, जो संयुक्त राष्ट्र के यूएनसीआरपीडी के अनुरूप समानता, सहभागिता और सुगमता को राष्ट्र का कर्तव्य बनाता है। इस ढांचे के भीतर शिक्षा और खेल वे दो क्षेत्र हैं जहां समावेशन सबसे प्रभावी रूप से सशक्तिकरण में बदलता है।

    शिक्षा, किसी भी बच्चे की क्षमता का सबसे मजबूत आधार है। दिव्यांगजन के लिए शिक्षा को किसी दया या समर्थन के रूप में नहीं, बल्कि एक अधिकार के रूप में देखा जाना चाहिए। आंकड़े बताते हैं कि स्थिति चिंताजनक है। 2011 की जनगणना के अनुसार, 5 से 19 वर्ष के दिव्यांग बच्चों में से केवल 61 प्रतिशत ही किसी शिक्षण संस्थान तक पहुंच पाते हैं, जबकि 27 प्रतिशत बच्चों ने कभी स्कूल में कदम ही नहीं रखा। यानी लगभग हर चौथा दिव्यांग बच्चा शिक्षा के अधिकार से पूरी तरह वंचित है। साक्षरता दर भी केवल 54.5 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।

    फिर भी, यह तस्वीर निराशाजनक नहीं है। यह बताती है कि यदि देश सही दिशा में निवेश करे, तो बदलाव संभव है। जरूरत है एक ऐसी शिक्षा प्रणाली की—जो समावेशी, सुगम, और व्यक्तिगत जरूरतों के अनुरूप अनुकूल हो। जहां यूनिवर्सल डिजाइन के सिद्धांत हों, समर्थक शिक्षक हों, और हर विद्यार्थी के लिए वह सहायता उपलब्ध हो जो उसे आगे बढ़ाए, न कि रोक दे। इस दिशा में बदलाव शुरू भी हुआ है।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने समावेशी शिक्षा को प्राथमिकता दी है। देशभर में सहायक तकनीक, साइन-लैंग्वेज संसाधन, टैक्टाइल सामग्री, डिजिटल लर्निंग टूल्स, सुगम भवन-निर्माण और शिक्षक प्रशिक्षण पर काम हो रहा है। लेकिन वास्तविक परिवर्तन तभी आएगा जब प्रत्येक विद्यालय में सुगमता के मानक बाध्यकारी हों, प्रत्येक जिÞले में संसाधन केंद्र और विशेषज्ञ टीमें सक्रिय हों, और कोई भी बच्चा संरचनात्मक कमियों के कारण शिक्षा से न बचे।

    जैसे शिक्षा क्षमता बनाती है, वैसे ही खेल उस क्षमता को पहचान और आत्मविश्वास देता है। पैरा-खेल केवल शारीरिक गतिविधि नहीं, बल्कि नेतृत्व, आत्मसम्मान और सामाजिक स्वीकृति का माध्यम हैं। जब कोई दिव्यांग खिलाड़ी मैदान पर उतरता है, वह समाज के पूर्वाग्रहों को चुनौती देता है और यह साबित करता है कि उसकी पहचान किसी सीमा से नहीं, उसके संकल्प से तय होती है। भारत के पैरा-एथलीटों ने यह संदेश विश्व स्तर पर स्थापित किया है। शीटल देवी, जो बिना हाथों के तीरंदाजी करती हैं, दुनिया को चकित कर चुकी हैं। देवेन्द्र झाझरिया, मरियप्पन थंगावेलु, भाविना पटेल, सुमित अंतिल, प्रमोद भगत, एकता भ्याण जैसे खिलाड़ियों ने यह साबित किया है कि अवसर मिले तो उत्कृष्टता अपवाद नहीं, नियम बन सकती है।

    2025 में भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने पहले ही टी20 विश्व कप में अपराजित रहकर इतिहास रचा। इसी तरह पेरिस 2024 पैरालंपिक्स में भारत ने 29 पदक जीतकर अपने खेल इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया। ये उपलब्धियां बताती हैं कि सीमाएं शरीर में नहीं होतीं—वे उस माहौल में होती हैं जो समाज अपने लोगों के लिए बनाता है। पिछले वर्षों में पैरा-खेलों को मिली मान्यता और प्रोत्साहन में प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत समर्थन का बड़ा योगदान रहा है। पैरा-एथलीटों की उनकी निरंतर सराहना से राष्ट्रीय चेतना बदली है। इसके बाद बजट में वृद्धि, टॉप्स योजना का विस्तार, विशेष उपकरणों में निवेश, और मजबूत राष्ट्रीय फेडरेशनों का निर्माण संभव हो पाया है। अब आवश्यकता है कि यह समर्थन देश के हर हिस्से तक पहुंचे—सुगम खेल-अवसंरचना, प्रशिक्षित कोच, जिला-स्तरीय पैरा-खेल अकादमियां और सीएसआर के माध्यम से व्यापक सहयोग।

    भारत ने समावेशी भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं, लेकिन अब इन प्रयासों को और तेज और व्यापक बनाना समय की मांग है। हमें ऐसे स्कूल बनाने होंगे जहाँ कोई भौतिक या सामाजिक बाधा न हो; ऐसे खेल मैदान जहां हर खिलाड़ी गरिमा और आत्मविश्वास के साथ उतर सके; ऐसी तकनीक जो हर जरूरतमंद तक पहुंचे; और ऐसी स्थानीय व्यवस्थाएं जो सहायता को समय पर और विश्वसनीय रूप से उपलब्ध कराएं। यही वह आधार है, जिस पर सच्चा समावेशन खड़ा होता है। विश्व दिव्यांगजन दिवस पर भारत एक स्पष्ट और दूरदर्शी संकल्प ले सकता है—कि हर दिव्यांगजन को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने का समान अवसर मिले; कि हमारे बच्चे ऐसे वातावरण में बड़े हों जहाँ वे निर्भय होकर बड़े सपने देख सकें; और कि आने वाले वर्षों में इसी धरती से अगली हेलेन केलर, अगला स्टीफन हॉकिंग, और अगला पाल सेजेकेरिस उभरकर देश और दुनिया को दिशा दिखाएं।
    (लेखक राज्यसभा सांसद हैं।)

    Editorial Aaj Samaaj : उत्तर भारत के लिए नीति मॉडल बनकर उभरा हरियाणा

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleसफर करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, 6 घंटे का सफर अब सिर्फ 3 घंटे का, ट्रायल रन शुरू
    अंकित कुमार

      मिलती जुलती ख़बरें

      नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी, 5 नक्सली ढेर, दो जवान शहीद-Encounter continues between police and Naxalites in Naxal-affected area of ​​Chhattisgarh, 5 Naxalites killed, 2 soldiers martyred.-Aaj Samaaj

      December 3, 2025

      रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौरे से पहले भारत-रूस के बीच बड़ी डील, पुतिन कल आएंगे भारत

      December 3, 2025

      एसआईआर पर चर्चा के लिए केंद्र की सहमति के बाद इंडिया ब्लॉक ने की मीटिंग

      December 3, 2025

      विपक्षी पार्टियों ने एसआईआर के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

      December 3, 2025

      विपक्ष की नारेबाजी के बीच लोकसभा दोपहर तक के लिए स्थगित

      December 3, 2025

      देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पेश की थी सादगी की मिसाल

      December 2, 2025
      Add A Comment
      Leave A Reply Cancel Reply

      ताज़ा खबर

      From accessibility to empowerment-Aaj Samaaj

      By अंकित कुमारDecember 3, 2025

      Editorial Aaj Samaaj सुगमता से सशक्तिकरण तक Editorial Aaj Samaaj : कार्तिकेय शर्मा, सांसद, राज्यसभा,…

      सफर करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, 6 घंटे का सफर अब सिर्फ 3 घंटे का, ट्रायल रन शुरू

      December 3, 2025

      फिनलैंड के शिक्षा मॉडल ने लाखों बच्चों का भविष्य बेहतर…

      December 3, 2025
      चर्चित ख़बरें

      देशवासियों को आज एक और झटका, रसोई गैस हुई महँगी

      दिल्ली की दिनभर की 10 बड़ी ख़बरें, रोज़ पढ़ें और अपडेट रहें

      मेहनत कर बन्दे, तू मेहनत से क्या कुछ नहीं पायेगा

      Subscribe to News

      Get the latest sports news from NewsSite about world, sports and politics.

      Advertisement

      TBK Media Private Limted

      Facebook X (Twitter) Pinterest Vimeo WhatsApp TikTok Instagram
      • Editorial Team
      • Corrections Policy
      • Ethics Policy
      • Fact-Checking Policy
      • List ItemOwnership & Funding Information
      • Disclaimer
      • Sitemap
      © 2025 TBK Media Private Limited. Designed by Parmod Risalia.
      • About Us
      • Contact Us
      • Privacy Policy

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.