चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। पूरे प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के अपग्रेडेशन के लिए सरकार की ओर से 40 करोड़ 40 लाख रुपए की मंजूरी दी गई है। इसकी पुष्टि करते हुए स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि जरूरत के अनुसार सभी जिलों में अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को उसके घर के पास सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने पर लगातार काम किया जा रहा है और सरकारी अस्पतालों में नए उपकरण एवं आधुनिक तकनीक स्थापित की जा रही है।
महेंद्रगढ़ और बहादुरगढ़ में बड़े बदलाव
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि महेंद्रगढ़ जिले के 50 बेड वाले अस्पताल को अपग्रेड करके 100 बेड का अस्पताल बनाया जाएगा। इसके लिए 2301.01 लाख रुपए की संशोधित लागत मंजूर की गई है।
इसी प्रकार बहादुरगढ़ में सिविल अस्पताल के अपग्रेडेशन के लंबित कार्यों के लिए 17 करोड़ 37 लाख 56 हजार 337 रुपए की मंजूरी दी गई है।
आरती सिंह राव ने बताया कि उन्होंने विभाग को निर्देश दिए हैं कि यदि किसी भी क्षेत्र में अस्पताल या स्वास्थ्य संस्थान को अपग्रेड करने की आवश्यकता हो और वह पात्र हो तो काम को जल्द पूरा किया जाए, ताकि लोगों को बेहतर सुविधा मिल सके।
स्वास्थ्य विभाग में डिजिटल सिस्टम लागू
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि विभाग में कई आईटी आधारित सिस्टम लागू किए गए हैं। इनमें व्हीकल ट्रैकिंग और लॉग मैनेजमेंट सिस्टम, एनीमिया मुक्त हरियाणा एप, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) और WCD स्कूल सेहत पोर्टल शामिल हैं।
इन डिजिटल पहलों का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, फील्ड टीमों की निगरानी करना और स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाना है।
व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम कैसे काम करता है
मोबाइल हेल्थ टीमें दिन की शुरुआत में लॉग-इन करती हैं और ओडोमीटर रीडिंग के साथ फोटो रिकॉर्ड करती हैं।
हर विजिट लोकेशन पर फोटो और दूरी का रिकॉर्ड एप में अपलोड किया जाता है।
दिन के अंत में वाहन की अंतिम रीडिंग एप में दर्ज की जाती है।
जिला और राज्य स्तरीय अधिकारी रिपोर्ट रियल-टाइम में देख सकते हैं।
इस व्यवस्था से वाहनों के उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है।
एनीमिया मुक्त हरियाणा एप में सुधार
एप में अब मरीज का स्वास्थ्य संस्थान, इलाज देने वाले डॉक्टर का नाम, पद और उपचार का पूरा विवरण रिकॉर्ड किया जाएगा। इसमें रेफरल और फॉलोअप से जुड़ी जानकारी भी शामिल होगी।
इसके लिए एक रियल-टाइम डैशबोर्ड तैयार किया गया है जो लाभार्थियों की सेहत, टेस्ट रिपोर्ट और सुधार के आंकड़े दिखाता है।
बच्चों की मुफ्त चिकित्सा के लिए मददगार सिस्टम
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों में जन्मजात दिल की बीमारी सहित गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान की जाएगी और उन्हें पैनल में शामिल सरकारी व निजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिले सकेगा।
हरियाणा सरकार के इस फैसले से आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर और बेहतर होने की उम्मीद है। बजट स्वीकृति, डिजिटल सिस्टम और अस्पतालों के विस्तार के साथ ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं अधिक सुलभ होंगी।



