दिल्ली : दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र स्थित पंचशील विहार की रिहायशी कॉलोनी में ब्लैकमेलिंग और डिमोलिशन की धमकी से परेशान सैकड़ों परिवारों ने आज एकजुट होकर स्थानीय विधायक श्रीमती शिखा राय से मुलाकात की। इस दौरान पीड़ित परिवारों ने कॉलोनी में अपने वैध मकानों को बचाने और लगातार हो रहे उत्पीड़न से राहत दिलाने हेतु एक ज्ञापन विधायक को सौंपा। इस मौके पर बीजेपी नेता सूरज चौहान ने सभी पीड़ितों को विधायक से मिलवाया और उनकी पूरी समस्या सुनते हुए जरूरी राहत दिलाने का आश्वासन दिया।
ज्ञापन में बताया गया है कि B-93 से B-107 और C-111A/B/C आदि ब्ल़क में स्थित मकानों में सैकड़ों परिवार वर्ष 2016 से 2018 के बीच वैध रूप से खरीदे गए घरों में शांतिपूर्वक रह रहे हैं। इनमें से कई निवासियों ने अपने घरों की रजिस्ट्री प्रधानमंत्री उदय (PM UDAY) योजना के अंतर्गत भी करवा रखी है। इसके बावजूद अब इन परिवारों पर डिमोलिशन की तलवार लटक रही है।
निवासियों का आरोप है कि एक स्वयंभू सामाजिक कार्यकर्ता नारायण कुमार कश्यप, जो खुद Universal Human Rights Foundation नामक एक एनजीओ चलाता है, ने STF, DDA, MCD, और लोकायुक्त जैसे विभागों में झूठी शिकायतें कर इन परिवारों को डराने-धमकाने और पैसे की मांग करने का सिलसिला शुरू किया है। ज्ञापन में इस पूरे घटनाक्रम को एक सुनियोजित ब्लैकमेलिंग रैकेट करार दिया गया है।
निवासियों ने यह भी बताया कि कथित सामाजिक कार्यकर्ता नारायण कश्यप के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न अदालतों में लगभग 50 से अधिक आपराधिक व दीवानी मुकदमे लंबित हैं, जिनमें कई जनहित याचिकाओं के माध्यम से ब्लैकमेलिंग के आरोप हैं। कुछ मामलों में शिकायतें पैसा लेकर वापस ली गई हैं, जिससे पूरे शहर में भय का वातावरण बना हुआ है।
निवासियों की प्रमुख मांगें:
2014 के बाद खरीदे गए घरों को डिमोलिशन से राहत दी जाए, और उन्हें वैध कानूनी संरक्षण प्रदान किया जाए ताकि निर्दोष परिवार ब्लैकमेलिंग से बचे रहें।
जब तक किसी शिकायत की निष्पक्ष जांच पूरी न हो, तब तक कोई भी प्रशासनिक या विध्वंसात्मक कार्रवाई न की जाए।
जनहित याचिकाओं के नाम पर उगाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।
निवासियों ने ज्ञापन के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों की प्रतियां भी संलग्न की हैं—जिनमें स्पष्ट कहा गया है कि जनहित याचिकाओं का दुरुपयोग व्यक्तिगत लाभ या ब्लैकमेलिंग के लिए नहीं किया जा सकता। साथ ही नारायण कश्यप के खिलाफ लंबित मुकदमों की सूची भी सौंपी गई है। स्थानीय विधायक शिखा राय ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया है कि वे इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगी और सीएम के संज्ञान में भी इस मामले को लाया जाएगा ताकि सैकड़ों पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके।
कानूनी पृष्ठभूमि: डिमोलिशन से संरक्षण की मांग
ज्ञापन में यह मांग भी प्रमुख रूप से उठाई गई है कि वर्ष 2014 के बाद बनाए गए मकानों को भी विध्वंस से कानूनी सुरक्षा प्रदान की जाए। फिलहाल डीडीए और दिल्ली सरकार द्वारा लागू राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अवैध कॉलोनियों के निवासियों के संपत्ति अधिकार) अधिनियम, 2019 के अंतर्गत केवल 2014 तक के निर्माण को संरक्षण प्राप्त है।
निवासियों का कहना है कि जब हजारों लोगों ने अपने घर वैध रूप से खरीदे और रजिस्ट्री भी करवाई, तो उन्हें केवल तारीख के आधार पर विध्वंस के खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए। उन्होंने DDA और दिल्ली मास्टर प्लान (MPD 2021/2041) के तहत संरक्षण की भी मांग की है, जब तक कोई अंतिम निर्णय न आए।
आगे की रणनीति: अब सांसद बांसुरी स्वराज से मुलाकात की तैयारी
स्थानीय निवासियों ने बताया की कि वे अब सांसद बांसुरी स्वराज से भी मिलने जा रहे हैं, ताकि इस पूरे मामले को बड़े राजनीतिक स्तर पर उठाया जा सके। उनका उद्देश्य केवल अपनी कॉलोनी नहीं, बल्कि पूरे शहर में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाना और निर्दोष परिवारों को डर और ब्लैकमेलिंग से स्थायी राहत दिलाना है।