झज्जर: हरियाणा पुलिस के एक युवा कांस्टेबल ने दहेज प्रथा के खिलाफ एक मिसाल पेश की है। झज्जर जिले के सुलोधा गांव निवासी और हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल पंकज यादव ने अपनी शादी में दहेज लेने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने ससुराल पक्ष से मिले 11 लाख 11 हजार 1 रुपये नकद और 15 तोले सोने-चांदी के आभूषण वापस कर दिए और सिर्फ 1 रुपया शगुन के रूप में स्वीकार किया।
“शादी सौदेबाजी नहीं, मिलन है”
पंकज यादव के दादा कैप्टन अमीर सिंह और पिता धर्मवीर यादव ने वधू पक्ष को स्पष्ट किया कि “शादी दो परिवारों का मिलन है, सौदेबाजी नहीं।” उन्होंने वधू पक्ष से मिले सारे नकद और गहने वापस करते हुए सामाजिक बराबरी का संदेश दिया। पंकज की शादी रेवाड़ी के उस्मानपुर निवासी तमन्ना यादव से हुई है।

“पहले ही तय था दहेज नहीं लेंगे”
पंकज यादव, जो वर्तमान में मधुबन में प्रशिक्षण ले रहे हैं, ने बताया कि उन्होंने पहले ही दहेज न लेने का फैसला कर लिया था। उन्होंने कहा, “समाज को यही संदेश है कि अच्छे से लोग पढ़ाई-लिखाई करें और बुराइयों का अंत हो।” पिता धर्मवीर यादव ने बताया कि उन्होंने पहले से ही तय कर लिया था कि दहेज लेना नहीं है, भले ही वधू पक्ष ने देना चाहा हो।
समाज में मिसाल कायम
इस सामाजिक पहल की पूरे इलाके में जोरदार सराहना हो रही है। ग्रामीण पंकज यादव और उनके परिवार के साहस और सोच की तारीफ कर रहे हैं। यह घटना झज्जर जिले में सामाजिक बदलाव की एक और मिसाल पेश करती है और दहेज जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ युवाओं को प्रेरित करती है।
