दिल्ली : इस्राइल और सीरिया के बीच तनाव अपने चरम पर है, क्योंकि इस्राइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर बुधवार को हवाई हमले किए। इन हमलों का उद्देश्य दक्षिणी सीरिया में ड्रूज़ समुदाय की सुरक्षा करना बताया जा रहा है, जहां पिछले कुछ दिनों से भीषण संघर्ष चल रहा है। इस बीच, सीरियाई सरकार और ड्रूज़ नेताओं ने नया युद्धविराम घोषित किया है, लेकिन इस्राइल ने हमलों को जारी रखने की चेतावनी दी है।
हालिया घटनाएं
17 जुलाई को इस्राइल ने दमिश्क में सीरियाई रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन के पास हमले किए, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत और 34 अन्य घायल हो गए। सीरियाई अधिकारियों का कहना है कि यह हमला उनके देश की स्थिरता को कमजोर करने की साजिश है। दूसरी ओर, इस्राइल का दावा है कि ये हमले ड्रूज़ अल्पसंख्यक समुदाय की रक्षा के लिए किए गए, जो दक्षिणी सीरिया के स्वीडा प्रांत में सरकार और बेडौइन समूहों के साथ झड़पों में फंसा है।
स्वीडा में हिंसा
स्वीडा में पिछले हफ्ते शुरू हुई हिंसा स Sunni बेडौइन और ड्रूज़ समूहों के बीच अपहरण और हमलों से शुरू हुई। इस संघर्ष में सैकड़ों लोग मारे गए हैं, जिसमें सीरियाई सैनिक और नागरिक शामिल हैं। सीरियाई सरकार ने सेना भेजकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन ड्रूज़ समुदाय ने इसे हमला माना। इस बीच, इस्राइली ड्रूज़ नागरिकों ने सीमा पार कर अपने समुदाय का समर्थन करने की कोशिश की, जिससे तनाव और बढ़ गया।
युद्धविराम और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सीरियाई सरकार और ड्रूज़ नेताओं ने बुधवार को नया युद्धविराम घोषित किया, जिसके तहत सैनिकों को स्वीडा से हटाया जा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे “गलतफहमी” करार देते हुए सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज इस मुद्दे पर चर्चा करेगी, लेकिन इस्राइल ने साफ किया कि वह ड्रूज़ की सुरक्षा के लिए अपनी कार्रवाई जारी रखेगा।
सीरिया और इस्राइल का रुख
सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शारा ने इस्राइल पर तनाव भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि उनका देश युद्ध से नहीं डरता, लेकिन अराजकता से बचना चाहता है। इस्राइल ने कहा कि नई सीरियाई सरकार, जिसमें इस्लामवादी तत्व हैं, ड्रूज़ के लिए खतरा है, इसलिए उसकी कार्रवाई जरूरी है।
इस्राइल-सीरिया विवाद में ड्रूज़ समुदाय का मुद्दा केंद्र में है, और दमिश्क पर हमले ने स्थिति को और जटिल कर दिया है। युद्धविराम की कोशिशें जारी हैं, लेकिन इस्राइल की नीति और सीरिया की प्रतिक्रिया से भविष्य में और टकराव की आशंका है।