दिल्ली : आज 26वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नेशनल वॉर मेमोरियल में देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। इस मौके पर उन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए अमर सपूतों को विनम्र नमन करते हुए कहा कि इन वीरों का स्मरण पीढ़ियों तक देशवासियों की चेतना को जागृत करता रहेगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर लिखा, “आज कारगिल विजय दिवस पर नेशनल वॉर मेमोरियल में राष्ट्ररक्षा में अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारत माँ के अमर सपूतों को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर विनम्र नमन किया। इन अमर सेनानियों का स्मरण पीढ़ियों तक हमारी चेतना को जागृत करता रहेगा। जय हिंद। वंदे मातरम्।”
कारगिल विजय दिवस का महत्व
कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को 1999 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना की जीत की याद में मनाया जाता है। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने लद्दाख के कारगिल जिले की दुर्गम चोटियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर तिरंगे को फिर से गर्व से लहराया था। इस युद्ध में 527 सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जबकि 1400 के करीब घायल हुए। ऑपरेशन विजय की सफलता ने भारतीय सेना के अदम्य साहस और शौर्य को विश्व के सामने प्रदर्शित किया।
नेशनल वॉर मेमोरियल में श्रद्धांजलि समारोह
नेशनल वॉर मेमोरियल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ-साथ वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। इस दौरान शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की गई और दो मिनट का मौन रखकर उनकी वीरता को सलाम किया गया। समारोह में ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों ने माहौल को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नेशनल वॉर मेमोरियल में पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और कहा, “कारगिल युद्ध के दौरान वीर सैनिकों का सर्वोच्च बलिदान हमारे सशस्त्र बलों के अटूट संकल्प की याद दिलाता है। भारत उनकी सेवा का सदा ऋणी रहेगा।”
देशभर में स्मृति कार्यक्रम
कारगिल विजय दिवस के मौके पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। दिल्ली के साकेत में एपीजे स्कूल में ‘भारत रक्षा पर्व’ के तहत ध्वजारोहण किया गया, जहां बच्चों ने शहीदों के सम्मान में नारे लगाए और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए। मधुबनी के नवोदय विद्यालय में एनसीसी कैडेट्स ने श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लिया और युद्ध के वीरों के अनुभवों को सुना।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “यह दिवस भारतीय सेना के अद्वितीय साहस और शौर्य का प्रतीक है। हम उन वीरों को नमन करते हैं जिनके पराक्रम ने यह ऐतिहासिक विजय संभव की।”
शहीदों की स्मृति को जीवित रखने की पहल
इस वर्ष कारगिल विजय दिवस के समारोह में भारतीय सेना ने एक विशेष पोर्टल लॉन्च किया, जिसके माध्यम से आम नागरिक शहीदों को ‘ई-श्रद्धांजलि’ अर्पित कर सकते हैं। इसके अलावा, क्यूआर कोड एप्लिकेशन के जरिए कारगिल युद्ध की विभिन्न लड़ाइयों की कहानियां सुनी जा सकती हैं। यह पहल युवा पीढ़ी को शहीदों के बलिदान से प्रेरित करने और राष्ट्रप्रेम की भावना को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।
कारगिल विजय दिवस न केवल एक सैन्य विजय का उत्सव है, बल्कि यह उन वीर सैनिकों के बलिदान और साहस का सम्मान करने का अवसर भी है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य नेताओं द्वारा दी गई श्रद्धांजलि इस बात का प्रतीक है कि भारत अपने शहीदों को कभी नहीं भूलेगा। यह दिन हर भारतीय को देशभक्ति और एकता की भावना से जोड़ता है। जय हिंद! वंदे मातरम्!