हरियाणा पुलिस और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़ी सफलता मिली है। लारेंस बिश्नोई गैंग का प्रमुख सहयोगी और ‘मोस्ट वांटेड’ अपराधी नोनी राणा (24 वर्ष) को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। नोनी राणा, जो यमुनानगर का निवासी है, हरियाणा में हत्या, रंगदारी और हत्या के प्रयास सहित 30 से अधिक गंभीर मामलों में वांछित था।
फर्जी पासपोर्ट से की थी फरारी
गिरफ्तारी की कहानी जासूसी फिल्म जैसी है। बताया जा रहा है कि नोनी राणा ने ‘विशांत’ के नाम से एक फर्जी पासपोर्ट बनवाया था और कनाडा भागने का प्रयास कर रहा था। हालांकि, अमेरिकी एजेंसियों ने उसे पीस ब्रिज बॉर्डर पर ही पकड़ लिया। हरियाणा पुलिस के सीआईडी (अपराध शाखा) के प्रभारी एसपी राकेश कुमार ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है। अब नोनी राणा के प्रत्यर्पण (Extradition) की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि उसे भारत लाकर न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके।
रादौर तिहरा हत्याकांड सहित कई बड़े मामले
नोनी राणा पर लगे गंभीर आरोपों पर नजर डालें तो:
गैंग का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
पुलिस जानकारियों के मुताबिक, नोनी राणा को विदेश में बैठे अन्य अपराधी जैसे सन्नी सलेमपुर, मोनू गुर्जर और बादलहीर निवासी बादल का सहयोग प्राप्त था। इसके अलावा, जेल में बंद उसका बड़ा भाई ‘काला राणा’ भी जेल से ही अपने संपर्कों के जरिए शूटर और अन्य सहायता मुहैया करा रहा था, जो इस गैंग के मजबूत नेटवर्क को दर्शाता है।
जनवरी 2024 में हुआ था फरार
नोनी राणा का आपराधिक रिकॉर्ड पुराना है। फरवरी 2019 में उस पर एक पूर्व विधायक के भतीजे दिलराज पर फायरिंग का आरोप लगा था, जिसमें उसे गिरफ्तार भी किया गया था। 2023 में जमानत मिलने के बाद उसने करनाल निवासी गुरमीत के नाम से 15 जनवरी, 2024 को फर्जी पासपोर्ट बनवाया और देश से फरार हो गया। इसी फर्जीवाड़े की शिकायत पर अंबाला में 23 जुलाई, 2024 को उसके खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था।
नोनी राणा की गिरफ्तारी हरियाणा पुलिस और भारतीय एजेंसियों के लिए एक बड़ी जीत है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग से देश की सीमाओं से परे छिपे हुए अपराधियों को भी पकड़ा जा सकता है। इससे राज्य में संगठित अपराध पर अंकुश लगाने और कारोबारियों को मिल रही रंगदारी की धमकियों को रोकने में मदद मिलेगी।

