हरियाणा सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य के हर गांव में दुग्ध उत्पादक सहकारी सोसायटियां बनाई जाएंगी। सरकार का फोकस है कि दूध उत्पादन से जुड़े परिवारों को स्थायी आय मिले और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर तैयार हों।
सबसे बड़ी बात यह है कि इन सोसायटियों में विधवा महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों (SHG) और अंत्योदय परिवारों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश — “नई सोसायटियों को समय पर मिले प्रोत्साहन राशि”
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को सहकारिता विभाग की बजट घोषणाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि—
नई बनने वाली दुग्ध उत्पादक सोसायटियों को
प्रोत्साहन राशि समय पर और बिना देरी के उपलब्ध कराई जाए।पशुपालन विभाग और सहकारिता विभाग संयुक्त रूप से कार्य करके योजनाओं को जमीन पर लागू करें।
हर उस परिवार तक इन योजनाओं का लाभ पहुंचे, जो पशुपालन के माध्यम से आय बढ़ाना चाहता है।
सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण स्तर पर दूध उत्पादन, संग्रहण और बिक्री को एक मजबूत प्रणाली से जोड़ा जाए।
ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
दुग्ध उत्पादक सहकारी सोसायटियों के गठन से—
सरकार का मानना है कि दुग्ध उत्पादन हरियाणा के ग्रामीण परिवारों की रीढ़ है, और इसे संगठित कर देने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा।
वीटा बूथों पर बढ़ेगी दूध उत्पादों की बिक्री — नए विकल्प तलाश रही सरकार
बैठक में यह भी बताया गया कि सरकार वीटा (Vita) बूथों पर दूध आधारित उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए नए विकल्प तैयार कर रही है। इसमें शामिल हो सकता है—
नये दुग्ध उत्पाद
डेयरी आधारित स्नैक्स
ग्रामीण उत्पादों को ब्रांडेड रूप में पेश करना
सरकार का उद्देश्य है कि वीटा को मजबूत किया जाए, ताकि दूध संग्रहण से लेकर उपभोक्ता तक पहुंचाने की पूरी श्रृंखला बेहतर तरीके से काम करे।
कई जिलों में मिल्क कलेक्शन और चिलिंग सेंटर तैयार
सहकारिता विभाग ने बताया कि—
कई जिलों में मिल्क कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं
दूध गुणवत्ता को सुरक्षित रखने के लिए चिलिंग सेंटर भी तैयार हैं
इससे दूध को दूरदराज के गांवों से तुरंत एकत्र कर प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचाना आसान होगा
यह प्रणाली ग्रामीण स्तर पर डेयरी सेक्टर को नई गति प्रदान करेगी।
हैफेड द्वारा सरसों और सूरजमुखी तेल मिल स्थापना की प्रक्रिया शुरू
बैठक में यह भी बताया गया कि HAFED द्वारा सरसों और सूरजमुखी तेल मिल लगाने की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। इस कदम से—
किसानों को तेलहन फसलों का बेहतर मूल्य मिलेगा
ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
प्रदेश में तेल उत्पादन बढ़ेगा और कृषि आधारित उद्योगों को मजबूती मिलेगी
दुग्ध उत्पादक सहकारी सोसायटियों का गठन हरियाणा सरकार की ग्रामीण विकास योजना में एक बड़ा कदम है। इससे महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण, पशुपालकों को स्थायी आय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार द्वारा किए जा रहे संयुक्त प्रयास आने वाले दिनों में हरियाणा के दुग्ध उत्पादन और डेयरी सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखते हैं।

