हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने सिरसा में आयोजित कष्ट निवारण समिति (ग्रीवेंस मीटिंग) के दौरान जनशिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एक बिजलीकर्मी (लाइनमैन) और एक पुलिसकर्मी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। मंत्री ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और साफ कहा कि वह गलत काम करने वाले किसी को नहीं छोड़ेंगे।
क्यों हुई कार्रवाई?
मंत्री अनिल विज ने बैठक के दौरान कुल 17 शिकायतों की सुनवाई की, जिनमें से 6 का मौके पर ही निवारण कर दिया गया। शेष 11 शिकायतों को अगली बैठक के लिए स्थगित किया गया। इनमें से दो गंभीर शिकायतों पर मंत्री ने तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया:
बिजलीकर्मी पर कार्रवाई: गांव सुचान के एक निवासी ने शिकायत की कि उसका बिजली मीटर जल गया था, लेकिन लाइनमैन ने नया मीटर लगाने के बजाय बिना मीटर के सीधा अस्थायी कनेक्शन दे दिया और इसे ठीक करने में आनाकानी की। मंत्री ने तुरंत उस लाइनमैन को निलंबित करने के आदेश जारी किए।
पुलिसकर्मी पर कार्रवाई: एक अन्य मामले में, एक पुलिसकर्मी द्वारा शिकायत पर कार्रवाई में जानबूझकर ढील बरते जाने की शिकायत मिलने पर मंत्री ने उस पुलिसकर्मी को भी सस्पेंड कर दिया।
“मैं ही कोर्ट हूं” – मंत्री विज का अधिकारियों को सख्त संदेश
मंत्री अनिल विज ने मौजूदा प्रशासनिक अधिकारियों को जोरदार फटकार लगाते हुए कहा, “आप लोग लोगों की समस्या का हल समय पर नहीं करते और चक्कर कटवाते हो। तब ये सरकार ने ग्रीवेंस मीटिंग रखी है। लोग इस मीटिंग में समस्या का हल करवाने की उम्मीद लेकर आते हैं। अगर यहां भी न्याय नहीं मिलेगा तो आम आदमी कहां जाएगा?”
उन्होंने आगे दबाव डालते हुए कहा, “यहां मीटिंग में मैं ही कोर्ट हूं। जो कह दिया, वो हो गया।” इससे साफ जाहिर होता है कि मंत्री ने अधिकारियों की लापरवाही पर कोई रियायत नहीं दिखाई।
राजनीतिक मुद्दों पर भी दिया जवाब
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मंत्री विज ने फसल मुआवजे में देरी के सवाल पर कहा कि जिन किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, उन्हें मुआवजा दिया जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हर उम्मीदवार का एक एजेंट पोलिंग बूथ पर मौजूद होता है, ऐसे में गलत वोट पड़ने की स्थिति में उनके एजेंट क्या कर रहे थे?
यह घटना मंत्री अनिल विज की सख्त और जमीनी स्तर पर त्वरित कार्रवाई की छवि को और मजबूत करती है।



