हरियाणा सरकार प्रदेश में प्राकृतिक गैस आधारित ऊर्जा संरचना को मजबूत करने के लिए नई और आधुनिक सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नीति लागू करने की तैयारी में है। यह नीति उद्योगों और घरेलू उपभोक्ताओं को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने के साथ-साथ निजी और सरकारी क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करेगी।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग और संबंधित विभागों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि नीति तैयार करते समय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (PNGRB) की सिफारिशों को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि नीति को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाते हुए इसे निवेशक-हितैषी और आधुनिक रूप देना जरूरी है।
मुख्य सचिव ने विश्वास जताया कि नई नीति लागू होने के बाद राज्य में गैस नेटवर्क के विस्तार की रफ्तार बढ़ेगी। इससे न केवल ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा बल्कि हरियाणा स्वच्छ ऊर्जा अवसंरचना के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि इस नीति से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निवेश द्वार खुलेंगे और पाइपलाइन नेटवर्क निर्माण के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा।
नई नीति उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है, जिसमें निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा, सुरक्षा मानकों और बेहतर सेवा गुणवत्ता को प्राथमिकता दी गई है। इसके विस्तार से उद्योगों और घरों में गैस उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा और राज्य कच्चे तेल पर निर्भरता कम कर सकेगा।
ड्राफ्ट सीजीडी पॉलिसी-2025 के तहत पीएनजीआरबी द्वारा अधिकृत कंपनियों को राइट ऑफ वे (ROW) और राइट ऑफ यूज़ (ROU) की अनुमति राज्य के सिंगल-विंडो पोर्टल www.investharyana.in के माध्यम से मिलेगी। आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाया गया है और कंपनियों को कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म के साथ जीआईएस आधारित रूट मैप, कार्य योजना, भूमि विवरण और तकनीकी प्रक्रिया (जैसे HDD, ट्रेंचलेस बोरिंग या ओपन ट्रेंचिंग) का विवरण देना होगा। शुल्क संरचना को पारदर्शी किया गया है और सभी वित्तीय नियम स्पष्ट रूप से परिभाषित किए गए हैं।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह नीति वर्ष 2010 में एचएसआईआईडीसी द्वारा बनाई गई गैस वितरण नीति का अपग्रेडेड संस्करण है। उन्होंने कहा कि तकनीकी बदलाव और बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए नीति में आधुनिक समाधान शामिल किए गए हैं। नई नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
यह कदम हरियाणा में ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है।



