दिल्ली : लाल किले के पास हुए विस्फोट की शुरुआति जांच से पता चलता है कि आतंकी उमर ने जल्दबाजी में विस्फोटक उपकरण बनाया था. और उसने गिरफ्तारी के डर से लाल किले के पास ब्लास्ट कर दिया. बताया जा रहा है कि पुलवामा के रहने वाले डॉक्टर उमर का संबंध फरीदाबाद स्थित आतंकवादी मॉड्यूल से था. उसका पर्दाफाश वहां से विस्फोटक बरामद होने के बाद हुआ था. डॉक्टर उमर को अपने साथियों की गिरफ्तारी के बाद अपने पकड़े जाने का डर था. उसके पास पहले से कुछ विस्फोटक पड़े थे. वो पकड़े जाने से पहले धमाका करना चाहता था. यही कारण है कि वो कई घंटे तक दिल्ली में घूमता रहा और करीब 3 घंटे तक पार्किंग में दिमाग लगाता रहा. दिल्ली-एनसीआर और जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में कई स्थानों पर सुरक्षा एजेंसियों की ओर से आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा माने जा रहे संदिग्धों को पकड़ने के लिए छापेमारियां चल रही हैं..बताया जा रहा है कि ये धमाका छापेमारी के बाद घबराहट और हताशा में किया गया.
एक सीनियर पुलिस अधिकारी के मुताबिक, फरीदाबाद में छापेमारी के बाद आतंकी उमर शायद घबरा गया था. इसकी वजह से उसे जल्दी से अपना घर बदलना पड़ा. इससे बम विस्फोट वाली दुर्घटना की आशंका बढ़ गई. ऐसा लगता है कि ये घटना संदिग्ध आत्मघाती हमले के बजाए परिवहन के दौरान अनजाने विस्फोट में बदल गई. अधिकारी ने कहा कि खुफिया टीमों के शुरुआति आकलन से पता चलता है कि आईईडी को गलत तरीके से बनाया गया था, जिससे इसका विनाशकारी प्रभाव सीमित हो गया.’ बम समय से पहले ही फट गया था और पूरी तरह बना नहीं था, इसलिए इसका प्रभाव सीमित रहा. विस्फोट से कोई छर्रे या कीलें नहीं मिले.’ डॉक्टर उमर पार्किंग में 3 घंटे तक इस बम को प्रभावी बनाने का तरीका ढूंढ रहा था. उसने कई कॉल भी किए थे. जिसके डंप डेटा को इकट्ठा किया जा रहा है. उससे जब बम बहुत खतरनाक नहीं बन पाया तो उसने ऊब कर इसे लाल किले के पास मेट्रो के गेट नंबर एक पर विस्फोट करने का सोचा. उसने जान बूझकर यह ब्लास्ट किया या दुर्घटनावश हो गया, यह अभी जांच का विषय है. हालांकि, यह बात तय है कि अगर उमर का दिमाग बम बनाने में कामयाब हो जाता तो और बड़ी तबाही होती. दरअसल, लाल किले के पास सोमवार शाम को हुए विस्फोट से कुछ ही घंटे पहले जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ था. इसमें तीन डॉक्टर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया था. यह मॉड्यूल कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था. चौथा आतंकी डॉक्टर उमर ही था. वह भागने में कामयाब हो गया था.
दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी में विस्फोट को ‘बम विस्फोट’ बताया गया है और इसमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आतंकवादी हमले की साजिश और सजा से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं.शुरुआत में दावा किया गया था कि विस्फोट के दौरान कार में तीन लोग थे। हालांकि, अब यह स्पष्ट है कि विस्फोट के समय आई20 कार केवल नबी चला रहा था, जो आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद फरार हो गया था. पुलिस की जांच के अनुसार, यह भी पता चला है कि नबी फरीदाबाद में अपने साथियों की गिरफ्तारी के बारे में इंटरनेट पर तलाश करते हुए लगभग तीन घंटे तक सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में रहा. जांचकर्ताओं ने नबी की गाड़ी का 11 घंटे का सुराग लगाने में कामयाबी हासिल की है.वह लाल किले के पास छत्ता रेल चौक रोड पर आगे बढ़ा और फिर यू-टर्न ले लिया. जांच से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट लाल किला पुलिस चौकी से कुछ मीटर पहले हुआ. सोमवार को गिरफ्तार किए गए लोगों में डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद भी शामिल थे जो फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े थे। फरीदाबाद से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया था. जांच अधिकारियों के अनुसार, शाहीन भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला भर्ती शाखा का नेतृत्व कर रही थी. वह समूह की महिला शाखा जमात-उल-मोमिनात की प्रमुख थी.
बताया जा रहा है कि उमर अल फलाह से भी जुड़ा है और माना जा रहा है कि वह आई 20 कार चला रहा था जिसमें ये शक्तिशाली विस्फोट हुआ था. उमर ने कथित तौर पर ये आतंकी हमला इसलिए किया क्योंकि उसे डर था कि वह भी अपने साथी डॉक्टरों की तरह पकड़ा जा सकता है. उन्होंने बताया कि साउथ कश्मीर के पुलवामा जिले के लेथपोरा का ये डॉक्टर कथित तौर पर कार में विस्फोटक ले जा रहा था. आत्मघाती हमले की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. आपको बता दें कि दिल्ली धमाके में 12 लोगों की जान चल गई और क़रीब 25 लोग घायल हैं
