जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में डचिगम नेशनल पार्क के पास हरवान क्षेत्र में सोमवार को सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की। भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई ऑपरेशन महादेव के तहत तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया।
भगवान शिव के सम्मान में ‘ऑपरेशन महादेव’
इस ऑपरेशन का नाम भगवान शिव के सम्मान में महादेव रखा गया। कश्मीर की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर में भगवान शिव का विशेष महत्व है।
खुफिया इनपुट पर कार्रवाई
ऑपरेशन की शुरुआत भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने खुफिया सूचना के आधार पर की।
दो दिन पहले डचिगम जंगल में संदिग्ध संचार और स्थानीय खानाबदोशों से मिली जानकारी ने आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि की।
लिडवास क्षेत्र में आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई और सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकी ढेर हो गए।
पहलगाम नरसंहार का बदला
यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया।
इस हमले में 26 हिंदू तीर्थयात्रियों का नरसंहार हुआ था, जिसमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक मारे गए।
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा TRF (The Resistance Front) ने ली थी।
पहलगाम का बाइसारन घाटी, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है, इस हमले से दहशत में आ गई।
ऑपरेशन सिंदूर से महादेव तक
पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें पाकिस्तान और POK में नौ आतंकी ठिकाने तबाह किए गए।
ऑपरेशन महादेव इसी रणनीति की कड़ी है, जिसका लक्ष्य आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह नेस्तनाबूद करना है।
सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है।
ऑपरेशन महादेव न केवल पहलगाम नरसंहार का बदला है, बल्कि आतंक के नेटवर्क के खिलाफ एक कड़ा संदेश भी।