
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लेंगे कार्यक्रम में हिस्सा
Bihar New Chief Minister, (द भारत ख़बर), पटना: बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह (swearing-in ceremony) की तैयारियां पूरी हैं। जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार आज ऐतिहासिक गांधी मैदान में रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
अमित शाह व नड्डा सहित कई सीएम पहुंचे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के मुख्यमंत्री असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो समेत कई नेता भी कार्यक्रम में पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश राजभवन से गांधी मैदान के लिए निकल चुके हैं और जल्द सीएम पद की शपथ लेंगे। समारोह में एनडीए के सीनियर नेता, पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग भी उपस्थित रहेंगे।
विकास के नए सफर पर निकलेगा बिहार : नीतीश
नीतीश कुमार ने इससे पहले आज कहा कि वह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शपथ लेंगे और वादा करेंगे कि बिहार विकास के एक नए सफर पर निकलेगा। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर कर कहा, मैं, नीतीश कुमार, भगवान की कसम खाता हूं, यह वाकया करोड़ों बिहारियों के अटूट विश्वास और आत्मविश्वास का प्रतीक है। नीतीश ने इस मौके पर सभी बिहारियों को दिल से बधाई और शुभकामनाएं दीं।
बिहार विकास का एक और नया अध्याय लिखेगा : JDU
जीडीयू ने कहा कि नीतीश कुमार के दोबारा शपथ लेने के साथ ही बिहार विकास का एक और नया अध्याय लिखेगा। गांधी मैदान में 2005, 2010 और 2015 में भी नीतीश शपथ ग्रहण समारोह हुआ था। यह जगह जयप्रकाश नारायण के 1974 के ऐतिहासिक संपूर्ण क्रांति के आह्वान के लिए भी जानी जाती है। प्रधानमंत्री 2020 में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए थे। नीतीश कुमार को कल उनके घर पर नए विधायकों के साथ मीटिंग के दौरान सबसे पहले जेडीयू लेजिस्लेचर पार्टी का लीडर चुना गया। सरकार बनाने से पहले उन्हें एनडीए लेजिस्लेचर पार्टी का लीडर भी बिना किसी सहमति के चुना गया।
सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा
भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में बुधवार को हुई मीटिंग में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को भाजपा विधायक दल का लीडर और डिप्टी लीडर चुना गया। सेंट्रल आब्जर्वर के तौर पर काम कर रहे उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उनके नामों का प्रस्ताव दिया। बता दें कि 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के लिए एक लिटमस टेस्ट माना जा रहा था, जो दो दशकों से ज्यादा समय से बिहार की पॉलिटिकल दुनिया के सेंटर में रहे हैं।
