Punjab Flood Relief : पंजाब इस समय पिछले 40 वर्षों की सबसे भीषण बाढ़ की चपेट में है..सोशल मीडिया पर पंजाब के किसानों के वीडियो भावुक कर देने वाले है… यहां लोग, पशु डूब रहे हैं… कई क्षेत्रों में सड़कें और छोटे पुल बह गए, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया। बिजली और संचार व्यवस्था के ढांचे भी प्रभावित हुए, जिससे कई इलाकों में बिजली सप्लाई ठप हो गई। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1,400 से ज़्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। गुरदासपुर जिला सबसे ज़्यादा प्रभावित है यहाँ तीन सौ चौबीस गाँव बाढ़ की चपेट में हैं…अमृतसर में भी हालात ख़राब हैं यहाँ 135 गांवों में बाढ़ आ चुकी है, होशियारपुर के 119 गांव भी बाढ़ की मार झेल रहे हैं, कपूरथला, फिरोजपुर, फाजिल्का, और पठानकोट ज़िले भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लगभग लगभग 3 लाख एकड़ खेती की ज़मीन पर खड़ी फसलें, खासकर धान, कपास, और मक्का, पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं, इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा, सड़कों, पुलों, और घरों को भारी नुक़सान पहुंचा है। कई इलाकों में बिजली और कमिनीकेशन सिस्टम ठप हो गया है।
गुरदासपुर, फिरोजपुर, और फाजिल्का में भारत–पाक बॉर्डर के पास कई गांव पूरी तरह जलमग्न हैं, और लोग गुरुद्वारों, राहत शिविरों, या ट्रैक्टर–ट्रॉलियों में शरण ले रहे हैं। अब तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें सबसे अधिक 6 मौतें पठानकोट में दर्ज की गई हैं। अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना, और रूपनगर में तीन–तीन मौतें हुई हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, और बीएसएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं। अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिनमें गुरदासपुर से 5,549 और फिरोजपुर से 3,321 लोग शामिल हैं। राज्य में 77 राहत शिविर कार्यरत हैं, जहां 4,729 लोग शरण लिए हुए हैं।
पंजाब हाल के दिनों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, ऐसे में कई लोगों को 1988 की विनाशकारी बाढ़ की याद आ रही है, जब सतलुज, ब्यास और रावी नदियां विनाशकारी बाढ़ में बदल गई थीं और 500 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी. एक बार फिर पानी बढ़ने और पूरे इलाके जलमग्न होने के साथ, राज्य में इतिहास के दोहराए जाने का डर सता रहा है. एकजुटता के एक सशक्त संकेत के रूप में कई लोग पंजाब की मदद के लिए आगे आए हैं.. एक्टर और सिंगर दिलजीत दोसांझ ने गुरदासपुर और अमृतसर के सबसे बुरी तरह प्रभावित दस गांवों को गोद लिया है. गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर, दिलजीत चल रहे राहत कार्यों में सक्रिय रूप से मदद कर रहे हैं.उनकी टीम ने बताया कि उनका ध्यान फिलहाल खाना, साफ पानी और इलाज जैसी ज़रूरी चीजें मुहैया कराने पर है. बाद में लॉन्ग टर्म प्लानिंग में रिहैबिलिटेशन और रीकन्सट्रक्शन शामिल है. दिलजीत ने कहा कि: “हम साथ मिलकर सबकुछ दोबारा बना सकते हैं.”
दिलजीत दोसांझ के अलावा और भी कई सेलेब्स राहत कार्यों में मदद के लिए आगे आए. एक्ट्रेस सोनम बाजवा ने इंस्टाग्राम पर एक इमोशनल मैसेज पोस्ट किया उन्होंने लिखा कि “इस कठिन समय में, मैं पंजाब और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं. वहां से आ रही तस्वीरें और कहानियां वाकई दिल दहला देने वाली हैं, लेकिन जो चीज मुझे आशा देती है, वो है पंजाब की हमेशा दिखाई गई एकता और दृढ़ता की भावना. मैं जमीनी स्तर पर बचाव दल के रूप में सक्रिय रूप से काम कर रहे संगठनों को दान देकर अपनी ओर से मदद कर रही हूं, और मैं आपसे भी विनम्रतापूर्वक आग्रह करती हूं कि आप भी अपना योगदान दें. हर योगदान, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, किसी के जीवन में इस समय बड़ा बदलाव ला सकता है. आइए, इस कठिन समय में एकजुट होकर पंजाब के साथ खड़े हों.”
एक्टर संजय दत्त ने एक्स पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए लिखा कि “पंजाब में बाढ़ से हुई तबाही वाकई दिल दहला देने वाली है. प्रभावित सभी लोगों के लिए मैं शक्ति और प्रार्थनाएं भेज रहा हूं. मैं हर संभव तरीके से मदद करूंगा. बाबाजी पंजाब में सभी का भला करें और उनकी रक्षा करें.”सिंगर और एक्टर एमी विर्क ने भी इंस्टाग्राम पर अनाउंस किया कि उन्होंने और उनकी टीम ने बाढ़ प्रभावित परिवारों के 200 घरों को गोद लिया है. उन्होंने लिखा: “हम सभी मिलकर जरूरतमंदों की हर संभव मदद करें.”
आम आदमी पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों ने एक महीने की सैलरी पंजाब मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फ़ैसला किया है। पंजाब सरकार के मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने भी अपनी एक साल की तनख्वाह मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दी है। उनकी कुल वार्षिक आय 12 लाख रुपये है । आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश पर आई किसी भी मुसीबत के सामने पंजाब हमेशा सीना तानकर खड़ा रहा है। आज पंजाब संकट में है। मेरी सभी देशवासियों से अपील है कि इस मुश्किल घड़ी में पंजाब के लोगों की हर संभव मदद करें। आइये हम सब मिलकर पंजाब को इस भयानक त्रासदी से उबारें।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये के रुके हुए फंड को जारी करने और किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की है। अच्छी बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम मान से बात कर केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। इसके अलावा पंजाबी कलाकार दिलजीत दोसांझ ने अमृतसर और गुरदासपुर के बाढ़ प्रभावित 10 गांवों को गोद लिया है, जबकि कई गुरुद्वारे और स्वयंसेवी संगठन भोजन, कपड़े, और दवाइयां बांट रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बाढ़ का मुख्य कारण भारी मानसूनी बारिश, जलवायु परिवर्तन, और मानवीय लापरवाही है। हिमाचल और जम्मू–कश्मीर में हुई भारी बारिश ने नदियों के जलस्तर को खतरनाक स्तर तक बढ़ा दिया। इसके अलावा, नदियों और नालों की सफाई न होना, जर्जर तटबंध, और नदी किनारों पर अनियंत्रित निर्माण ने हालात और बदतर बना दिए। भाखड़ा, पोंग, और रंजीत सागर जैसे डैम्स की जलधारण क्षमता कम पड़ने के कारण उनका एक्सेस वाटर रिलीज़ किए गया, जिसने निचले इलाकों में तबाही मचाई। विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ से निपटने के लिए मजबूत ड्रेनेज सिस्टम, नदियों की नियमित सफाई, और रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट जैसे दीर्घकालिक उपाय जरूरी हैं।
पंजाब की इस आपदा ने एक बार फिर जलवायु परिवर्तन और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों को उजागर किया है। सरकार और समाज के संयुक्त प्रयासों से ही इस संकट से उबरा जा सकता है। पंजाब के कई जिलों में आई प्राकृतिक आपदा ने आम लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे समय में सरकार और समाज के हर वर्ग को मिलकर राहत और पुनर्वास कार्यों में योगदान देना चाहिए। इंसानियत के नाते हर व्यक्ति का ये फर्ज बनता है कि वह जरूरतमंदों के साथ खड़ा हो और उनके दुख-दर्द को बांटे।