दिल्ली : राजधानी के खिड़की गांव में रहने वाले लोग इन दिनों गंभीर जल संकट और स्वास्थ्य खतरों से जूझ रहे हैं। बीते कई महीनों से मकान नंबर 44 सहित कई घरों में नलों से सीवर मिला पानी आ रहा है, जिससे लोगों में नाराजगी है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ जगहों पर पीने के पानी की पाइप लाइनें सीवर के अंदर से होकर गुजर रही हैं, जिससे गंदगी सीधा पानी में मिल रही है।
सीवर से मिलकर आ रहा पानी, लोग बीमार
स्थानीय लोगों ने बताया कि नलों से निकल रहे पानी में से मल की बदबू आती है और पानी पीला-काला दिखता है। इसके कारण गांव में डायरिया, उल्टी, बुखार और स्किन इंफेक्शन जैसे रोग फैल रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा: “हम अपने बच्चों को क्या पिलाएं? ये पानी मौत है।”
सीवर ओवरफ्लो और टूटी सड़कें बनीं नई आफत
खिड़की गांव में तत्कालीन केजरीवाल सरकार में सीवरेज सिस्टम ठीक करने की कोशिश की गई थी, नई लाइनें भी बिछाईं गईं लेकिन मकान मालिकों के मुताबिक सीवर लाइन की क्वालिटी बेहद खराब थी और वो लगाने के कुछ ही हफ्तों में लीक होनी शुरू हो गई, सीवर में ठीक से मैटिरियल नहीं लगाया गया जिसकी वजह से सीवर कि बुनियाद कमजोर पड़ गई, इतना ही नहीं मकान नंबर 44 की गली के अंत में तीन मकानों को तो बिना सीवर के ही छोड़ दिया गया. गली संकरी है इसलिए पानी की लाइन भी सीवर के साथ साथ ही आ रही है लेकिन कुछ जगहों पर जगह होने के बावजूद सीवर के अंदर से पानी की लाइन डाल दी गई. नतीजा ये कि यहां लाइनों के चोक होने और ओवरफ्लो से गंदा पानी गलियों में बहता है। और पीने के पानी की लाइन में ये मिक्स हो जाता है। बार बार स्थानीय निवासी शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई हल नहीं निकला। सरकार द्वारा सड़क की मरम्मत नहीं कराए जाने पर लोगों ने खुद सड़क बनवाई, जो कहीं ऊंची तो कहीं नीची बन गई।
इससे बारिश या सीवर ओवरफ्लो के बाद गंदा पानी महीनों जमा रहता है।
सबसे खतरनाक स्थिति: सीवर के अंदर से पानी की लाइनें
स्थानीय लोगों और कुछ plumbers ने बताया कि कुछ घरों की पानी की पाइप लाइनें सीवर के अंदर से होकर जा रही हैं।
ऐसे में सीवर का दूषित पानी सीधे पीने के पानी में मिल रहा है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक है। “ऐसा लगता है जैसे प्रशासन जानबूझकर गांव को बीमार कर रहा है,”— एक बुजुर्ग स्थानीय निवासी ने गुस्से में कहा।
शिकायतों के बावजूद कार्रवाई शून्य
लोगों ने इस मामले में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और स्थानीय विधायक सतीश उपाध्याय को कई बार शिकायतें दीं, सतीश उपाध्याय मौके पर राउंड लेने भी आए लेकिन उनके दिशा निर्देशों पर भी प्रशासन ने अभी तक कोई अमल नहीं किया। ग्रामीणों का कहना है कि फोन कॉल, लिखित शिकायत और ऑनलाइन ग्रीवेंस– सभी तरीके आजमाए जा चुके हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
लोगों की अब सीएम रेखा गुप्ता से गुहार
सीवर और पानी की पाइप लाइनों को अलग किया जाए
सीवरेज सिस्टम की तत्काल सफाई और मरम्मत की जाए
गली की समतल, पक्की सड़क का निर्माण कराया जाए
प्रत्येक घर को साफ, वैकल्पिक पानी की आपूर्ति दी जाए
- अंतिम घरों को भी सीवर से कनेक्ट किया जाए