Haryana: हरियाणा में रेवाड़ी वासियों के लिए बडी खुशी की खबर है। हरियाणा में हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड दूध की क्षमता बढ़ाने के लिए कई बड़ी योजनाओं पर काम रहा है। इसी क्रम में जहां पहले ही हरियाणा में छह वीटा मिल्क प्लांट का संचालन हो रहा है। अब सातवें सबसे बडा स्काडा विधि से संचालित होने वाला मिल्क प्लांट को रेवाड़ी के बावल में स्थापित किया जाएगा
16 एकड में लगेगा प्लांट: बता दे यह प्लांट करीब 16 एकड में बावल औद्योगिक क्षेत्र में लगाया जाएगा। इसकी क्षमता पहल लगाए गए छह प्लांटों से ज्यादा होगी। एक प्लांट के लगने से रेवाड़ी के युवाओ को रोजगार मिलेगा।Haryana
क्या होता है स्काडा: स्काडा (SCADA) का फुल फॉर्म सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन है। यह एक कंप्यूटर-आधारित प्रणाली है जो औद्योगिक प्रक्रियाओं की निगरानी और नियंत्रण करती है और उपकरणों से वास्तविक समय में डेटा एकत्र करती है।
जानिए कहां कहां है प्लांट किनती है क्षमता
प्लांट एक: हरियाणा में सबसे पहले जींद में 1970-1972 में मिल्क प्लांट स्थापित किया था। जींद के प्लांट की प्रतिदिन दूध की क्षमता 1.50 लाख लीटर है।
प्लांट दो: बता दे जींद के बाद हरियाणा के अबाला में 1973-1974 में दूसरा प्लांट संचालित हुआ था, इस प्लांट की क्षमता 1.40 लाख लीटर प्रतिदिन की है।
प्लांट तीन: हरियाणा में अंबाला के बाद तीसरा प्लाट रोहतक में 1976-1977 में लगाया गया। इस प्लांट 4 लाख लीटर क्षमता के प्लांट का संचालन शुरू हुआ था।
प्लांट चार: हरियाणा के रोहतक के बाद बल्लभगढ़ में 1.25 लाख प्रतिदिन दूध की क्षमता के प्लांट का 1979-1980 से संचालन हो रहा है। यह हरियाणा में चौथा प्लाट है।
प्लांट पांच: बढती दूध की डिमांड के चलते वीटा ने हरियाणा के सिरसा में सिरसा में 1.10 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले प्लांट का संचालन 1996-1997 से हो रहा है।
प्लांट छह: हरियाण में तेजी से बढ रही डिमांड के चलते छठा प्लांट कुरुक्षेत्र में 20 हजार लीटर क्षमता का छठा प्लांट 2014-2025 से संचालित है।
