New Expressway: केंद्र सरकार ने दिल्ली एम्स और गुरुग्राम के बीच यातायात क्रांति लाने का बड़ा फैसला लिया है। एक नए 30 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद वर्तमान में लगने वाले लगभग दो घंटे के सफर को घटाकर महज 25-30 मिनट किया जा सकेगा।
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयारी जारी
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसकी जिम्मेदारी RCT नामक एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंसल्टेंसी कंपनी को सौंपी गई है, जिसे अगले डेढ़ से दो महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
मार्ग और डिजाइन
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली एम्स से शुरू होकर महिपालपुर से होते हुए गुरुग्राम तक जाएगा। DPR में यह निर्धारित किया जाएगा कि यातायात और भूमि की उपलब्धता के आधार पर मार्ग का कौन-सा हिस्सा भूमिगत (अंडरग्राउंड) बनेगा और कहां ऊंची एलिवेटेड संरचनातैयार की जाएगी। अंत में यह एक्सप्रेसवे गुरुग्राम के घाटा गांव के पास गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से जुड़ेगा।
ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत
वर्तमान में एम्स से गुरुग्राम के सिरहौल बॉर्डर तक पहुंचने में भीषण ट्रैफिक के कारण डेढ़ से दो घंटे लग जाते हैं। यह मार्ग अक्सर जाम से अटका रहता है। इस एक्सप्रेसवे से न केवल सामान्य यात्रियों को तेज और आरामदायक सफर मिलेगा, बल्कि आपातकालीन सेवाओंको भी एम्स तक पहुंचने में काफी समय की बचत होगी, जिससे मरीजों के लिए समय रहते इलाज सुनिश्चित हो सकेगा।
परियोजना लागत और समयसीमा
इस हाई-टेक एक्सप्रेसवे परियोजना पर लगभग 5,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। एक बार DPR पूरी होने और मंजूरी मिलते ही भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य तेज गति से शुरू कर दिए जाएंगे।
यह एक्सप्रेसवे परियोजना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और लाखों दैनिक यात्रियों की पीड़ा दूर करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है। यह न केवल यात्रा समय को कम करेगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगा।


