पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) नेता और पूर्व विधायक अभय सिंह चौटाला की याचिका पर सोमवार को केंद्र और हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने दोनों सरकारों को 16 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
याचिका में चौटाला ने दावा किया है कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टरों द्वारा लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इसी आधार पर उन्होंने केंद्र की ओर से Z+ या Z श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है।
सुरक्षा न देने का आरोप
अभय चौटाला ने आरोप लगाया है कि उन्होंने कई बार सुरक्षा की मांग की, लेकिन न तो सुरक्षा मूल्यांकन समिति गठित की गई और न ही खतरे के स्तर का कोई आकलन किया गया।
याचिका के अनुसार, सरकार की ओर से ना तो सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई और ना ही स्थिति की गंभीरता को समझा गया।
राठी हत्याकांड के बाद खतरा बढ़ने का दावा
अभय चौटाला ने कहा कि उनकी सुरक्षा का जोखिम तब और बढ़ गया जब उन्होंने INLD प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी और मामले में CBI जांच की मांग की।
उन्होंने यह मुद्दा 27 फरवरी 2024 को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में भी उठाया था और इसके बाद मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर स्वतंत्र जांच की मांग की थी।
राजनीतिक भूमिका और धमकियों का हवाला
याचिका में उनके राजनीतिक करियर और किसानों के मुद्दों पर सक्रिय भूमिका का उल्लेख किया गया है। चौटाला ने कहा है कि:
“संगठित अपराध और माफिया के खिलाफ मेरी खुली आवाज ने मुझे और मेरे परिवार को गंभीर खतरे में डाल दिया है।”
अनुच्छेद 21 का हवाला
याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और सुरक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार है, इसलिए सरकारों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहिए।


