हरियाणा में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सरकार अब किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। इसी सख्त रुख का बड़ा उदाहरण बुधवार को देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पीडब्ल्यूडी विभाग के तीन अधिकारियों — XEN निशांत कुमार, SDE पुनीत मित्तल और JE नसीम अहमद — को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
यह कार्रवाई लाला लाजपत राय यूनिवर्सिटी ऑफ वेटनरी एंड एनिमल साइंस, लखनौर साहिब में प्रस्तावित डिप्लोमा कॉलेज के निर्माण कार्य में पाई गई गंभीर अनियमितताओं और लापरवाही के बाद की गई है। सरकार ने साफ कहा है कि विकास कार्यों में गुणवत्ता से समझौता किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं होगा।
डिप्लोमा कॉलेज के निर्माण में पाई गई अनियमितताएं, सरकार सख्त
लखनौर साहिब स्थित इस यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा कॉलेज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था, लेकिन जांच के दौरान पता चला कि निर्माण में न तो गुणवत्ता मानकों का पालन हो रहा था और न ही काम समयबद्ध तरीके से किया जा रहा था। कई तकनीकी खामियां और सामग्री में ग़लतियाँ सामने आईं, जिसके बाद पूरे मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रिपोर्ट की समीक्षा के बाद कहा कि सार्वजनिक धन से चल रहे निर्माण कार्यों में लापरवाही एक गंभीर अपराध है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी गुणवत्ता से समझौता करने की हिम्मत न कर सके।
XEN, SDE और JE निलंबित — शुरू हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई
गंभीर अनियमितताएं सामने आने पर मुख्यमंत्री ने विभागीय स्तर पर कड़ा कदम उठाते हुए XEN निशांत कुमार, SDE पुनीत मित्तल और JE नसीम अहमद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि इन तीनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए, ताकि जांच पूरी होने के बाद कठोर कदम उठाए जा सकें।
यह कदम साफ संकेत देता है कि हरियाणा सरकार विभागों में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी।
गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश: “समझौता नहीं होगा”
निर्माण कार्यों में गड़बड़ी की शिकायतें लंबे समय से आती रही हैं, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री ने स्वयं मामले की समीक्षा कर यह संदेश दिया है कि राज्य में चल रहे सभी विकास कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दोहराया कि सार्वजनिक परियोजनाओं में अनियमितता को “गंभीर अपराध” मानते हुए कार्रवाई तेज की जाएगी।
सरकार ने सभी विभागों को इस कार्रवाई को एक कड़े संदेश के रूप में लेने के निर्देश दिए हैं।


