बरेली : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर, पीलीभीत और बरेली के एक गिरोह ने बीएसएनएल टावर लगाने के नाम पर लोगों को ठगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शुक्रवार को पुलिस ने इस गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिसके बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए। यह गिरोह गांवों और शहरों में पढ़े-लिखे लोगों को निशाना बनाकर प्रोफेशनल तरीके से ठगी करता था। गिरोह के पास से बीएसएनएल के फर्जी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनका इस्तेमाल उन्होंने अपने शातिर प्लान को अंजाम देने में किया।
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह एक बड़ी सोसाइटी में रहता था और लोगों को फोन कर खुद को बीएसएनएल अधिकारी बताता था। वे टावर लगाने का झांसा देकर लोगों को पैसे कमाने के लालच में फंसाते थे। इसके बाद शिकार को फर्जी दस्तावेज दिखाकर भरोसा दिलाया जाता था और फिर ठगी की जाती थी। कई पढ़े-लिखे लोग भी इस जाल में फंस गए, जो टावर से आय अर्जित करने की उम्मीद में ठगों के चंगुल में आ गए।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि गिरोह के पास बीएसएनएल के नकली दस्तावेज और अन्य सामग्री बरामद हुई है, जिसका इस्तेमाल वे अपने शिकार को प्रोफेशनल तरीके से लूटने के लिए करते थे। यह गिरोह मुख्य रूप से ग्रामीण और शहरी इलाकों में सक्रिय था, जहाँ लोग टावर लगाने के आकर्षक ऑफर से प्रभावित हो जाते थे।
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरोह के कई सदस्यों को हिरासत में लिया है। जांच में यह भी पता चला कि यह गिरोह लंबे समय से इस तरह की ठगी कर रहा था। पुलिस अब इस नेटवर्क के पीछे के बड़े साजिशकर्ताओं तक पहुँचने की कोशिश में जुटी है।
सावधानी का संदेश
निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। अगर आपके साथ ऐसी कोई घटना होती है या आपको संदिग्ध कॉल्स मिलती हैं, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें। लोगों से अपील की गई है कि वे दूसरों को भी इस तरह की ठगी के प्रति जागरूक करें और लालच में आकर संदिग्ध ऑफर से बचें।
शाहजहांपुर, पीलीभीत और बरेली के इस ठग गिरोह का पर्दाफाश एक बड़ी सफलता है, लेकिन यह भी एक सबक है कि प्रोफेशनल ठगी के जाल से सावधान रहने की जरूरत है। पुलिस की जांच जारी है, और लोगों से अपील की जा रही है कि वे ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सतर्क रहें।