दिल्ली : हौज खास स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में शनिवार को भगवान जगन्नाथ जी की दिव्य रथ यात्रा का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस विशेष अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता और सांसद माननीय बंसुरी स्वराज के साथ साथ स्थानीय बीजेपी विधायक सतीश उपाध्याय की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी स्मरणीय बना दिया। ये आयोजन न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर था, बल्कि जन आस्था, परंपरा और संस्कृति का जीवंत प्रमाण भी रहा।
आयोजन का विवरण
रथ यात्रा की शुरुआत सुबह 11 बजे मंदिर परिसर से हुई, जहाँ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ को भक्तों ने हर्ष और श्रद्धा के साथ खींचा। रथ को फूलों और रंग-बिरंगी सजावट से सजाया गया था, जो दृश्य को मनमोहक बनाता था। श्रद्धालुओं ने कीर्तन और भक्ति गीतों के साथ इस पवित्र यात्रा में हिस्सा लिया, जिससे माहौल भक्तिमय हो उठा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर कहा, “भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा हमारी संस्कृति और एकता का प्रतीक है। यह आयोजन हमें एक साथ लाता है और समाज को मजबूत करता है।” सांसद बंसुरी स्वराज ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और भक्तों के साथ रथ खींचने में भाग लिया।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
इस रथ यात्रा में भाग लेने का अनुभव अत्यंत भावपूर्ण रहा। एक आयोजक ने बताया, “हजारों भक्तों के साथ रथ खींचना एक अलौकिक अनुभव था। यह सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी परंपराओं को जीवित रखने का प्रयास है।” मंदिर प्रबंधन ने भी इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिसमें भक्ति संगीत और नृत्य शामिल थे।
संकल्प और संदेश
आयोजकों का संकल्प है, “धर्म, संस्कृति और परंपरा के पथ पर समाज को जोड़ना और आगे बढ़ाना।” इस संकल्प के साथ रथ यात्रा ने न केवल आध्यात्मिकता को बढ़ावा दिया, बल्कि सामुदायिक एकता का भी संदेश दिया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
X पर भक्तों और नेताओं ने इस आयोजन की सराहना की। एक यूजर ने लिखा, “हौज खास में रथ यात्रा का भव्य दृश्य देखा। CM और सांसद की मौजूदगी ने इसे और खास बनाया।” कई लोगों ने इसकी तस्वीरें शेयर कर अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं।
हौज खास मंदिर में आयोजित भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा ने दिल्लीवासियों को आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ा। मुख्यमंत्री और सांसद की मौजूदगी ने इस आयोजन को राजनीतिक और सामाजिक महत्व भी प्रदान किया। यह उत्सव आने वाले वर्षों में भी जन-जन के दिलों में बस्ता रहेगा।