चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए 1 नवंबर 2025 से राज्य के सभी 22 जिलों की 143 तहसीलों और उप-तहसीलों में पूरी तरह पेपरलेस लैंड रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। हरियाणा दिवस के अवसर पर शुरू हो रही यह व्यवस्था 58 साल पुरानी मैनुअल प्रक्रिया को समाप्त कर देगी, जिससे नागरिकों को फिजिकल डॉक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं पड़ेगी और भ्रष्टाचार तथा देरी का अंत होगा। वित्तीय आयुक्त (राजस्व) सुमिता मिश्रा ने 30 अक्टूबर को सभी डिप्टी कमिश्नर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद इसकी घोषणा की।
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नई प्रणाली के मुख्य फायदे
यह सिस्टम नागरिक-केंद्रित और पारदर्शी होगा, जिसमें सभी प्रॉपर्टी डीड्स केवल डिजिटल सिग्नेचर से मान्य होंगी। इससे दस्तावेजों की छेड़छाड़, जालसाजी या खोने का खतरा पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। सभी दस्तावेज सुरक्षित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्टोर होंगे और सेवा यूनिफाइड पोर्टल https://eregistration.revenueharyana.gov.in/ पर उपलब्ध होगी।
ट्रांसपेरेंसी: तीन-स्तरीय वेरिफिकेशन (रजिस्ट्रेशन क्लर्क 1, क्लर्क 2 और सब-रजिस्ट्रार) के साथ OTP-आधारित पहचान सत्यापन, फोटो वेरिफिकेशन और ऑटोमेटेड नोटिफिकेशन।
सुविधा: रजिस्ट्रेशन के बाद तुरंत म्यूटेशन (इंतकाल) होगा, जिससे 10 दिनों की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। 25 नवंबर से ऑटो-म्यूटेशन सिस्टम शुरू होगा, जो ओनरशिप ट्रांसफर को स्वचालित रूप से अपडेट करेगा।
भुगतान: मैनुअल फीस कलेक्शन पूरी तरह प्रतिबंधित; सभी पेमेंट ई-गवर्नेंस गेटवे से होंगे, जिससे अकाउंटेबिलिटी सुनिश्चित होगी।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया
नई व्यवस्था में प्रक्रिया सरल और तेज होगी। नागरिकों को केवल एक बार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए तहसील जाना होगा।
चरण 1: पोर्टल पर OTP से पहचान सत्यापन और गाइडेड सेल डीड फॉर्म भरना।
चरण 2: डिजिटल डॉक्यूमेंट्स अपलोड करना, ऑनलाइन फीस भुगतान और सब-रजिस्ट्रार से अपॉइंटमेंट बुकिंग।
चरण 3: अपॉइंटमेंट पर बायोमेट्रिक्स और डीड एग्जीक्यूशन; SMS से रियल-टाइम स्टेटस ट्रैकिंग।
चरण 4: अप्रूवल के बाद तीन डिजिटल कॉपीज जेनरेट होंगी—एक आवेदक के लिए, एक ऑफिशियल रिकॉर्ड के लिए और एक पटवारी को म्यूटेशन के लिए।
यह सिस्टम रेजिडेंशियल, एग्रीकल्चरल, गवर्नमेंट, पंचायत, डिफेंस लैंड्स, अपार्टमेंट सेल्स और को-ओनरशिप ट्रांसफर को कवर करेगा।
स्टांम्प पेपर और पेंडिंग मामलों पर विशेष प्रावधान
जनता की सुविधा के लिए 3 नवंबर से पहले खरीदे गए स्टांम्प पेपर 15 नवंबर 2025 तक वैलिड रहेंगे। इसके बाद फिजिकल स्टांम्प चरणबद्ध रूप से बंद हो जाएंगे। डीड राइटर्स को मैनुअल ड्राफ्टिंग तुरंत बंद करने के निर्देश दिए गए हैं; केवल पोर्टल से जेनरेट डीड्स ही वैध होंगी। सभी पेंडिंग म्यूटेशन केस इस हफ्ते के अंत तक क्लियर करने के सख्त आदेश हैं।
फीडबैक और निगरानी व्यवस्था
सभी तहसीलों में QR-कोड आधारित फीडबैक सिस्टम शुरू होगा, जहां नागरिक सेवा का मूल्यांकन कर शिकायत दर्ज कर सकेंगे। इसके अलावा, हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट के तहत GPS-आधारित डिजिटल मैप्स तैयार किए जा रहे हैं, जो बाउंड्री विवाद समाप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 29 सितंबर को कुरुक्षेत्र के बाबैन से फेज-1 लॉन्च किया था, जो अब पूरे राज्य में विस्तारित हो रहा है। फरीदाबाद के डिप्टी कमिश्नर विक्रम सिंह ने कहा कि यह नागरिकों को ट्रांसपेरेंट और मॉडर्न सेवा प्रदान करेगा। हरियाणा इस डिजिटल परिवर्तन के साथ भारत का पहला 100% पेपरलेस प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन वाला राज्य बन गया है।
