पंजाब के इतिहास में आज एक ऐतिहासिक पन्ना जुड़ने जा रहा है। आज (24 नवंबर) राज्य की विधानसभा का सत्र पहली बार राजधानी चंडीगढ़ से बाहर श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित किया जाएगा। यह विशेष सत्र श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ के सम्मान में हो रहा है और इसमें श्री आनंदपुर साहिब को अलग जिला घोषित करने जैसे बड़े ऐलान की भी संभावना है।
क्या होगी इस ऐतिहासिक सत्र की खास बातें?

गुरु तेग बहादुर के बलिदान को समर्पित प्रस्ताव
सत्र में पेश किए जाने वाले प्रस्ताव में गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। प्रस्ताव के मसौदे में कहा गया है कि “श्री गुरु तेग बहादुर जी ने कश्मीरी पंडितों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया।”उनके इस सर्वोच्च बलिदान ने पीढ़ियों को साहस, करुणा और न्याय के मूल्यों के लिए प्रेरित किया है। सदन यह संकल्प लेगा कि गुरु जी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर पंजाब के लोगों की भलाई और राज्य में शांति व सद्भावना के लिए कार्य किया जाएगा।
सिख इतिहास में आनंदपुर साहिब का महत्व
श्री आनंदपुर साहिब का सिख इतिहास में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान है। यह वही पावन स्थल है जहाँ 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। 2009 में इस क्षेत्र को एक अलग विधानसभा क्षेत्र का दर्जा दिया गया था। इस ऐतिहासिक सत्र के आयोजन से इसके धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को और बल मिलेगा।
श्रद्धालुओं के लिए डिजिटल सुविधाएं
350वें शहादत समारोह में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने विशेष डिजिटल इंतजाम किए हैं। “anandpursahib350.com” वेबसाइट और ऐप के जरिए श्रद्धालु शटल बस के रूट, ट्रैफिक डायवर्जन, टेंट सिटी और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
आज का यह विशेष विधानसभा सत्र न केवल एक धार्मिक श्रद्धांजलि है, बल्कि पंजाब सरकार की ओर से एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थल को राजकीय मान्यता देने की एक बड़ी पहल भी मानी जा रही है।

