गुजरात के मानसा जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां विदेश जाने की इच्छा ने चार लोगों की जान को खतरे में डाल दिया। ये चार लोग, जिनमें एक दंपति और दो युवक शामिल हैं, 19 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए अपनी यात्रा पर निकले थे। लेकिन उनकी यह यात्रा उनके जीवन का सबसे खतरनाक अनुभव बन गई, जब Iran तेहरान एयरपोर्ट पर उनका अपहरण कर लिया गया।
विदेशी सपनों के नाम पर किडनैपिंग
ऑस्ट्रेलिया जाने का सपना देखने वाले इस दंपति और तीन युवकों को पहले दिल्ली से उड़ान भरने के बाद बैंकॉक और दुबई के रास्ते तेहरान ले जाया गया। यहाँ से उनका सफर भयावह मोड़ लेता है, जब उन्हें एयरपोर्ट पर अपहरणकर्ताओं ने पकड़ लिया। इन चारों का अपहरण करने के बाद, इनसे जुड़े परिवारजनों को एक वीडियो भेजा गया जिसमें इन अपहृत लोगों को नग्न अवस्था में लिटा हुआ दिखाया गया था, और उनके हाथ-पैर बंधे हुए थे। इस वीडियो में इनकी बुरी हालत को दर्शाते हुए यह स्पष्ट किया गया था कि उनके साथ हिंसा की गई थी। अपहरणकर्ताओं ने परिवार वालों से 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है।
फिरौती की मांग के लिए भेजा गया भयावह वीडियो
परिवार को भेजे गए इस वीडियो में चारों अपहृत लोग जमीन पर मुंह के बल पड़े हुए थे, और उनके शरीर पर मारपीट के स्पष्ट निशान दिखाई दे रहे थे। यह वीडियो उन अपहरणकर्ताओं ने भेजा था, जो इन चारों को किडनैप करने के बाद उनसे भारी रकम की मांग कर रहे थे। इस घटना ने ना केवल पीड़ित परिवार बल्कि पूरे गुजरात को चौंका दिया है।
क्या है इस अपहरण के पीछे का रहस्य?
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस अपहरण के पीछे एक पाकिस्तानी एजेंट का हाथ हो सकता है। गांव के स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह एजेंट पहले भी कुछ अन्य यात्रियों को अमेरिका भेज चुका था। अब इसी एजेंट ने ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर चार लोगों को धोखा दिया। इन चारों को यह यकीन दिलाया गया था कि वे आसानी से ऑस्ट्रेलिया पहुँच सकते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही थी।
गुजरात के चार किडनैप पीड़ितों के नाम
इस अपहरण में शामिल व्यक्तियों के नाम चौधरी अजयकुमार कांतिभाई, चौधरी प्रियाबेन, चौधरी अनिलकुमार और चौधरी निखिलकुमार हैं। इन चारों के परिवारजनों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मनसा विधायक जेएस पटेल से मदद की अपील की है। विधायक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस मामले में त्वरित मदद की मांग की है।
किडनैपिंग के बाद फिरौती का नया दौर
अपहरणकर्ताओं ने परिवारों से फिरौती के तौर पर 2 करोड़ रुपये की मांग की है, हालांकि कुछ सूत्रों के मुताबिक, परिवार ने पहले ही 40 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था। इस बीच, परिवार को यह भी सूचना मिली है कि अपहरणकर्ताओं ने उन्हें और अधिक पैसे देने की धमकी दी है, यदि वे इन चारों को सुरक्षित वापस लाना चाहते हैं।
गुजरात के परिवार के लिए यह संकट एक बुरा सपना बन गया है।
यह घटना केवल चार लोगों के परिवारों के लिए ही नहीं, बल्कि गुजरात के पूरे समाज के लिए चिंता का विषय बन गई है। विदेश यात्रा के नाम पर होने वाली इस तरह की धोखाधड़ी और किडनैपिंग की घटनाओं ने एक बार फिर से अवैध रूप से विदेश जाने की कड़ी सजा का खुलासा किया है। इन चारों लोगों के परिवारजनों के लिए यह समय एक अभिशाप जैसा बन गया है, जहां वे अपनी जान से हाथ धोने के डर से जूझ रहे हैं।
क्या है इस किडनैपिंग का बड़ा साजिश?
जानकारों का मानना है कि यह किडनैपिंग सिर्फ एक सामान्य अपहरण नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी नेटवर्क का हाथ हो सकता है। जहां एक ओर पाकिस्तान के एजेंट इस तस्करी के काम में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर यह घटना दर्शाती है कि विदेशी यात्रा के नाम पर अपराधियों द्वारा लोगों को कैसे धोखा दिया जा सकता है।
क्या करेंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह?
मनसा विधायक जेएस पटेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने पत्र लिखकर कहा है कि इस गंभीर स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि अपहृत लोगों को सुरक्षित रूप से वापस लाया जा सके।
क्या इस किडनैपिंग की घटनाओं से भारत सरकार को सबक मिलेगा?
इस घटनाक्रम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारत सरकार को विदेश यात्रा के नाम पर हो रही इस तरह की धोखाधड़ी और तस्करी की घटनाओं को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाने चाहिए। इन घटनाओं से सबक लेते हुए सरकार को विदेश जाने के इच्छुक नागरिकों के लिए एक ठोस नीति बनानी चाहिए, ताकि इस प्रकार की अप्रत्याशित घटनाओं को रोका जा सके।
इस किडनैपिंग ने यह सिद्ध कर दिया है कि आज के दौर में लोग अपनी जान की सुरक्षा को नजरअंदाज कर विदेश जाने के लिए हर किसी के झांसे में आ जाते हैं। ऐसे में परिवारों को जागरूक होना पड़ेगा और विदेश यात्रा से पहले पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। वहीं, सरकार को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
