हिसार जिले के किसान और हरियाणा पुलिस के जवान विक्रम सिंधु प्राकृतिक खेती को नई दिशा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किए जाएंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) पूसा, नई दिल्ली में 7 से 9 दिसंबर तक आयोजित होने वाले समारोह में उन्हें 8 दिसंबर को प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा जाएगा, जिसे कृषि जगत का “ऑस्कर” भी कहा जाता है।
यह सम्मान केवल एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, बल्कि उन हजारों किसानों की प्रेरणा है जो रासायनिक खेती छोड़कर प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं।
14 वर्षों से प्राकृतिक खेती के प्रचार में समर्पित — 80% आय करते हैं खर्च
विक्रम सिंधु ने पिछले 14 वर्षों में अपनी लगभग 80% आय प्राकृतिक खेती के प्रचार-प्रसार में लगा दी है। उनका कहना है कि खेती का भविष्य तभी सुरक्षित हो सकता है जब प्रकृति से छेड़छाड़ किए बिना, मिट्टी और पानी को सुरक्षित रखते हुए खेती की जाए।
अपने इसी उद्देश्य के तहत उन्होंने अपने खेत को एक प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण केंद्र में बदल दिया है, जहां बीज बोने से लेकर उत्पाद बाजार तक पहुंचाने की संपूर्ण तकनीक निःशुल्क सिखाई जाती है।
विक्रम के खेत को ग्रामीण क्षेत्र में “फार्म लैब” के नाम से जाना जाता है, जहां हर दिन देशभर से किसान पहुंचकर नई तकनीकें सीखते हैं।
46 हजार से अधिक किसानों को कर चुके हैं प्रशिक्षित — खेत ही बन गया प्रयोगशाला
अब तक 46,000+ किसान, भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी, उनके प्रशिक्षण केंद्र का दौरा कर चुके हैं।
विक्रम सिंधु किसानों को सिखाते हैं कि—
कम खर्च में अधिक उत्पादन कैसे लें
प्राकृतिक खाद और जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल कैसे करें
अपनी उपज को प्रोसेस कर पैकिंग के साथ सीधे मार्केट में कैसे बेचें
बिचौलियों के चंगुल से मुक्त होकर अधिक लाभ कैसे कमाएं
उनका पूरा मॉडल कृषि को पूरी तरह आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाने पर आधारित है।
मिट्टी और भूजल बचाने का अभियान — देशभर के किसानों के लिए बने मिसाल
रासायनिक खादों के बढ़ते दुष्प्रभाव, मिट्टी की उर्वरता में भारी गिरावट और पानी के प्रदूषण के बीच विक्रम सिंधु का अभियान एक मजबूत विकल्प बनकर उभरा है।
उनकी पहल का मुख्य लक्ष्य है:
मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार
भूजल स्तर बढ़ाना
किसानों को कर्जमुक्त करना
हर घर तक शुद्ध और प्राकृतिक भोजन पहुंचाना
विक्रम का यह मॉडल ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।
किसानों को कर्जमुक्त करने का सपना — 8 दिसंबर को मिलेगा सम्मान
ICAR द्वारा दिया जाने वाला यह सम्मान न केवल विक्रम सिंधु की मेहनत की पहचान है, बल्कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाले पूरे समुदाय के लिए गर्व का क्षण है।
विक्रम सिंधु कहते हैं—
“मेरा उद्देश्य है किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाना। जब किसान आत्मनिर्भर होगा, तभी गांव और देश का विकास संभव है।”
उनकी यह सोच और मेहनत बताती है कि यदि नीयत और प्रयास सच्चे हों, तो खेती ही नहीं बल्कि पूरी धरती की तकदीर बदल सकती है।


