चंडीगढ़: हरियाणा के 1.20 लाख अस्थाई (कच्चे) कर्मचारियों के लिए लंबे इंतजार के बाद आखिरकार राहत की खबर आ गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में राज्य सरकार ने जॉब सिक्योरिटी के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर लिया है, जो अगले सप्ताह लॉन्च होने वाला है। यह पोर्टल उन सभी अस्थाई कर्मचारियों के लिए है जिन्होंने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के माध्यम से 5 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है।
पहले दो विभागों में होगा ट्रायल
सरकार ने इस पोर्टल को लॉन्च करने से पहले एक सावधानीपूर्ण रणनीति अपनाई है। शुरुआती दौर में इस पोर्टल को केवल दो विभागों में ट्रायल के तौर पर लागू किया जाएगा। ट्रायल सफल होने और किसी भी तकनीकी समस्या को दूर करने के बाद ही इसे राज्य के सभी सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों के लिए खोल दिया जाएगा। अभी तक सरकार ने यह खुलासा नहीं किया है कि ट्रायल किन दो विभागों में होगा।
CM सैनी ने दिए तेजी से काम करने के निर्देश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 5 दिन पहले अपने मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के साथ इस मुद्दे पर विस्तृत बैठक की थी। बैठक में CM ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पोर्टल को जल्द से जल्द लॉन्च किया जाए ताकि पात्र कर्मचारियों को बिना देरी के लाभ मिल सके। मानव संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पी.सी. मीणा ने इस पोर्टल को तैयार किया है।
एक साल की लंबी यात्रा
इस जॉब सिक्योरिटी योजना की कहानी काफी लंबी और दिलचस्प है।
चुनावी वादा और त्वरित कार्रवाई
2024 के लोकसभा चुनाव में BJP को हरियाणा में 10 में से केवल 5 सीटें मिली थीं। हार की समीक्षा में यह सामने आया कि कच्चे कर्मचारी जॉब सिक्योरिटी को लेकर काफी नाराज थे। इसके बाद, विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 1.20 लाख अस्थाई कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी देने की बड़ी घोषणा की।
घोषणा के तुरंत बाद कैबिनेट बैठक बुलाकर 15 अगस्त, 2024 को एक अध्यादेश अधिसूचित किया गया। लेकिन एक-दो विभागों को छोड़कर अधिकांश अधिकारियों ने इसे लागू नहीं किया।
विधेयक और फिर भी देरी
विधानसभा चुनाव में BJP की तीसरी बार जीत के बाद भी स्थिति नहीं बदली। सरकार ने विधानसभा में विधेयक पारित कराया और राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे स्थायी कानून बना दिया, लेकिन फिर भी अधिकारियों ने इसे अमल में नहीं लाया।
नियमों का नोटिफिकेशन
अंततः, एक साल बाद 5 अगस्त, 2025 को सरकार ने ‘हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा सुरक्षा) नियम, 2025’ को राजपत्र में अधिसूचित किया। इन नियमों में आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 के कर्मचारियों को भी शामिल किया गया, जो पहले स्पष्ट नहीं था।

ऑनलाइन पोर्टल की जरूरत क्यों?
5 अगस्त के नियम नोटिफिकेशन के बाद मुख्य सचिव ने सभी विभागों और निगमों को निर्देश दिया कि वे मानव संसाधन विभाग से सलाह लेना बंद करें क्योंकि एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जा रहा है। पोर्टल के जरिए पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, तेज और पेपरलेस होगी।
कर्मचारियों को इस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा और उनका सारा डेटा डिजिटल रूप में संग्रहीत होगा। जिन विभागों ने पहले से अपने कर्मचारियों का डेटा तैयार कर रखा है (जैसे HVPNL), उन्हें सबसे ज्यादा फायदा होगा।
यह पोर्टल हरियाणा के लाखों अस्थाई कर्मचारियों के जीवन में स्थिरता और सुरक्षा लाने वाला एक ऐतिहासिक कदम है।
