मंगलवार को 23 पैसे की गिरावट के बाद 91.01 पर बंद हुआ रुपया
Business News Update (द भारत ख़बर), बिजनेस डेस्क : डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा का कमजोर प्रदर्शन लगातार जारी है। पिछले कुछ समय से यह 90 के स्तर पर काम कर रहा था लेकिन मंगलवार को यह अपना मनोवैज्ञानिक स्तर तोड़ते हुए 91.01 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के दौरान रुपया एक समय 36 पैसे टूटकर 91.14 के स्तर तक लुढ़क गई थी, हालांकि बाद में इसमें मामूली सुधार देखा गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट और डॉलर इंडेक्स में कमजोरी भी रुपये को सहारा देने में नाकाम रही, क्योंकि बाजार में डॉलर की मांग और विदेशी फंडों की निकासी का दबाव अधिक था।
रुपए की गिरावट से विदेशी निवेशकों का आकर्षण घटा
विशेषज्ञों के अनुसार रुपए में होती गिरावट के कारण विदेशी निवेशकों (एफआईआई) का आकर्षण घटा है। इसकी वजह से वे भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं। यह बिकवाली इतनी लंबी है कि घरेलू संस्थागत निवेशक जो फिलहल बाजार को संभाल रहे हैं, लेकिन लंबे समय तक इसे बरकरार नहीं रख पाएंगे। रुपये की कमजोरी सोना, चांदी, म्यूचुअल फंड्स और शेयर बाजार को प्रभावित कर रही है।
इसलिए भी बढ़ रहा रुपए पर दबाव
जानकारों का कहना है कि रुपये में जो गिरावट आ रही है, वो टैरिफ से जुड़ी चिंताओं और विदेशी निवेशकों की बिकवाली की वजह से है। जब तक यह अल्पकालिक असंतुलन बने रहेंगे रुपये पर यह दबाव जारी रह सकता है। वहीं विदेशी निवेशकों ने इस साल अभी तक 18 अरब डॉलर से अधिक से भारतीय बाजार निकासी की है। रुपये की गिरावट से विदेशी निवेशकों के आकर्षण घटा दिया है, जिसकी वजह से बिकवाली जारी है। फॉरेक्स एडवाइजरी फर्म सीआर फॉरेक्स के प्रबंध निदेशक अमित पबारी ने कहा, रुपये की कमजोरी मुख्य रूप से टैरिफ संबंधी चिंताओं और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण है।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी भी है कारण
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता में देरी की वजह से भी रुपये में गिरावट देखने को मिल रही है। उम्मीद है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द ही होगा, दोनों देशों के बीच बातचीत सकारात्मक बनी हुई है। भारत के प्रधनामंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति ने फोन पर बातचीत भी की है, जो वार्ता को आगे ले जाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाएगी। समझौता होने के साथ ही इक्विटी निवेशकों की अनिश्चितता कम होने में मदद मिलेगी और रुपये में अप्रत्याशित उछाल आ सकता है।
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