नई दिल्ली. वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 2022 के लिये चीन की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जबकि पहले इसके 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गई थी. विशेषज्ञों का मानना है कि चीन में घरेलू और और वैश्विक कारणों से आर्थिक वृद्धि में नरमी भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिये एक मौका है.
उनके अनुसार, इसे देखते हुए देश को निवेश आकर्षित करने और वैकल्पिक वैश्विक आपूर्ति केंद्र के रूप में उभरने के लिये अपने विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत है. संपत्ति क्षेत्र में समस्या और कोविड महामारी की रोकथाम के लिये लगातार ‘लॉकडाउन’ के कारण चीन की आर्थिक वृद्धि दर इस साल घटकर 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके अलावा, ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता तनाव भू-राजनीतिक अस्थिरता में बदल सकता है. इससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से कच्चे माल और उपकरणों की आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
वैकल्पिक आपूर्ति केंद्र के रूप में भारत
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री सुजान हाजरा ने कहा कि इन सबसे भारत के लिये कुछ सकारात्मक चीजें होंगी. उन्होंने कहा, “पहला, चीन में अनिश्चितता से वैकल्पिक वैश्विक आपूर्ति केंद्र के रूप में भारत आकर्षक हो सकता है. दूसरा, ग्लोबल इन्वेस्टर्स के उभरते बाजार में फंड एलोकेशन में चीन की बजाय भारत की हिस्सेदारी बढ़ सकती है.” इनक्रेड पीएमएस के पोर्टफोलियो प्रबंधक आदित्य सूद ने कहा कि चीन में नरमी भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना सहित विभिन्न कदमों से वस्तुओं के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
चीन से आने वाली दवा पर डंपिंग रोधी शुल्क
वाणिज्य मंत्रालय ने घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न उपचार में उपयोग की जाने वाली चीन निर्मित दवा ऑफ्लॉक्सासिन पर पांच साल के लिए डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की अनुशंसा की है. व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने अपनी जांच में पाया कि चीन से इस दवा को भारत में डंपिंग मूल्य (बेहद कम दाम) पर भेजा जाता है जिससे घरेलू उद्योग प्रभावित होता है. बता दें कि आरती ड्रग्स लिमिटेड ने चीन द्वारा दवा को डंपिंग मूल्य पर भेजने की शिकायत की थी और जांच की मांग की थी जिसके बाद डीजीटीआर ने इस विषय में जांच की थी.
