पटना. जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. दरअसल आरसीपी सिंह दिल्ली में डेरा डाले हुए है और उनकी मुलाकात भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से होने की बात सामने आ रही है. खबर यह भी आ रही है कि बहुत जल्द जिसका इशारा खुद आरसीपी सिंह भी पत्रकारों के सवाल के दौरान दे चुके हैं कि वो भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
इन्हीं अटकलों के बीच आरसीपी सिंह के बेहद नज़दीकी माने जाने वाले उनके एक करीबी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि भादो के बाद 1 सितम्बर से 25 सितम्बर के बीच भाजपा में अपने समर्थकों के साथ आरसीपी सिंह भाजपा में शामिल हो जाएंगे. इसके साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि कुछ ऐसे चेहरे भी JDU के भाजपा में शामिल होंगे जिसे देख जेडीयू को जोरदार झटका लग सकता है.
दरअसल आरसीपी सिंह को जब जेडीयू ने पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने की वजह से राज्यसभा का टिकट नहीं दिया जिसकी वजह से उनको केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटना पड़ा. उसके बाद लगातार हमला की वजह से RCP सिंह ने JDU छोड़ दिया था और उसी के बाद से ही इस बात के क़यास लगाए जा रहे थे कि उनका अगला कदम क्या होगा और अब उस पर से पर्दा हटने के हालात दिखने लगे है.
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कही यह बात
आरसीपी सिंह के भाजपा में जाने की अटकलों पर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा कि विधिवत रूप से कब शामिल होंगे. इसका अब कोई मतलब थोड़े ही ना है वो तो पहले से ही भाजपा के साथ थे उनका तन तब भले ही JDU के साथ था लेकिन उनका मन और मिज़ाज दोनो भाजपा के साथ था और हम जो आरोप लगाते थे वो सच होता दिख भी रहा है. नीरज कुमार ने कहा कि आरसीपी सिंह पर संपति सृजन का जो आरोप लगा था, उसका जवाब तो नहीं ही दिया. अब जहां जाएंगे क्या वो लोग जवाब देंगे. लेकिन, अब वह कहीं जाएं इससे जेडीयू के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. नीतीश कुमार की अगुवाई में जेडीयू और महागठबंधन 2024 में बिहार से इतिहास रचने जा रही है.
नीतीश कुमार और RCP सिंह के बीच मामला तब और गर्माने लगा. जब 2020 का विधान सभा चुनाव परिणाम आया और JDU को परिणाम से काफ़ी झटका लगा जिसके लिए JDU ने इशारों में भाजपा से मिले होने का आरोप लगा दिया. इसी बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और बताया जाता है कि नीतीश कुमार के बिना मर्जी के केंद्र मे मंत्री बन गए जिसके बाद JDU की नाराजगी बढ़ती गई और आखिरकार वो जेडीयू से बाहर हो गए.
