श्रीगंगानगर. श्रीगंगानगर जिले की घड़साना मंडी के बार संघ के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट विजय सिंह झोरड़ सुसाइड केस (Advocate Vijay Singh Jhorad suicide case) में आखिरकार सर्व समाज और प्रशासन के बीच हुई वार्ता में मंगलवार को देर शाम को सहमति बन गई है. श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार और पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने सर्व समाज, बार संघ तथा वहां मौजूद विधायकों से एडवोकेट विजय सिंह झोरड़ आत्महत्या केस में 7 दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित (Suspended) करने के साथ-साथ मृतक के परिवार को 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया. उसके बाद सर्व समाज ने जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर सहमति जता दी और धरना उठा लिया.
बाद में इस मामले में घड़साना में एसपी आनंद शर्मा ने आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. इनमें घड़साना थानाप्रभारी मदनलाल, सीआई सुरेन्द्र पचार, एसआई पृथ्वीराज बिश्नोई एवं कल्पना, एएसआई कमल मीणा और हेड कांस्टेबल बंशीलाल समेत कांस्टेबल जगमोहन को सस्पेंड कर दिया गया है. मृतक के शव का आज मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. उसके बाद अंतिम संस्कार किया जायेगा.
परिजनों ने लगाया था पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप
उल्लेखनीय है कि एडवोकेट विजय सिंह झोरड़ ने सोमवार को अपने घर में ही फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. झोरड़ के परिजनों का आरोप था कि उन्होंने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड किया है. उसके बाद मंगलवार को न केवल श्रीगंगानगर जिले में भी बल्कि जयपुर और जोधपुर समेत प्रदेशभर में कई बार संघों ने कार्य बहिष्कार कर दिया था. अधिवक्ताओं की मांग थी कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाये.
कई वर्तमान और पूर्व विधायक पहुंचे
मामला बढ़ने के बाद इसको को लेकर स्थानीय विधायक संतोष बावरी, रायसिंहनगर विधायक बलवीर सिंह लूथरा, पूर्व विधायक पवन दुग्गल, हेतराम बेनीवाल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक नारायण बेनीवाल और पुखराज गर्ग सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों तथा पदाधिकारियों ने धरना शुरू कर दिया था. परिजनों और प्रदर्शनकरियों की मांग थी कि पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाये और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाये. वहीं पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये. इस मामले को श्रीगंगानगर में दिनभर हलचल बनी रही थी.
