शिमला. हिमाचल प्रदेश में लंपी बीमारी का कहर देखने को मिल रहा है. यहां पर लंपी रोग 9 जिलों में फैल चुका है. हिमाचल सरकार ने अब इस संबंध में केंद्र को पत्र लिखा है. सरकार ने केंद्र से गौवंश की लम्पी बीमारी को महामारी घोषित की मांग की है. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने संयुक्त सचिव आपदा प्रबंधन डिवीजन गृह मंत्रालय दिल्ली को पत्र लिखा है.
हिमाचल सरकार ने पत्र में लिखा कि लंपी को महामारी अधिसूचित किया जाए, ताकि जिन मवेशियों की मौत हो रही है, उनके मालिक को स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (SDRF) के तहत मुआवजा दिया जा सके. राज्य सरकार ने पशुपालकों को उचित मुआवजा देने के लिए केंद्र से अतिरिक्त वित्तीय मदद भी मांगी है.
जानकारी के अनुसार, लंपी से हिमाचल में अब तक 2309 मवेशियों की मौत, जबकि 55,926 पशु संक्रमित हैं. सूबे के 12 में से 9 जिलों में यह बीमारी फेल चुकी है. सिरमौर, शिमला और सोलन में लम्पी का सबसे अधिक प्रकोप है.
लम्पी बीमारी तेजी से पशुओं को अपनी चपेट में ले रही है, लेकिन SDRF के तहत अधिसूचित नहीं होने की वजह से प्रभावित पशुपालकों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है. जबकि हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान राज्य के पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सदन में मुआवजा राशि देने का भी ऐलान किया था.
