लंदन. स्कॉटलैंड के बाल्मोरल में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ब्रिटिश सरकार का ‘ऑपरेशन यूनिकॉर्न’ शुरू हो चुका है. ब्रिटिश अधिकारियों ने महारानी की मृत्यु और अंतिम संस्कार के बीच के पहले 10 दिनों के दौरान घटनाओं का प्रबंधन करने के लिए पहले ऑपरेशन लंदन ब्रिज नाम से एक योजना को तैयार किया था. अगर स्कॉटलैंड में महारानी एलिजाबेथ की मृत्यु होती है, तो ऐसे मामले में ऑपरेशन यूनिकॉर्न बनाया गया था.
अब जबकि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की स्कॉटलैंड के बाल्मोरल एस्टेट में मृत्यु हो गई, ऑपरेशन यूनिकॉर्न चालू हो गया है. इस योजना के तहत विमान से लंदन ले जाने से पहले महारानी का शरीर कई दिनों तक स्कॉटलैंड में रहेगा. फिर, ऑपरेशन लंदन ब्रिज के तहत बाकी योजनाएं जारी रहेंगी. बहरहाल शाही पैलेस के महारानी की मृत्यु की घोषणा करने से कुछ समय पहले बीबीसी के प्रस्तुतकर्ता ‘ऑपरेशन लंदन ब्रिज’ के हिसाब से तय काली पोशाक में सामने आए.
ऑपरेशन लंदन ब्रिज के मुताबिक महारानी की मौत के दिन को ‘डी-डे’ कहा जाएगा और उनके अंतिम संस्कार तक आने वाले हर दिन को डी + 1,डी + 2″ के रूप में बताया जाएगा. जबकि महारानी की मृत्यु का संदेश देने के लिए कोड ‘लंदन ब्रिज डाउन’ है. इस योजना के तहत भीड़ से निपटने के लिए बड़ा सुरक्षा बंदोबस्त किया जाएगा. ऑपरेशन लंदन ब्रिज का खुलासा पहली बार मई 2017 में द गार्जियन में हुआ था. जिसमें बताया गया था कि महारानी की मृत्यु के अगले दिन से 10 दिनों की अवधि के दौरान क्या होगा.
गौरतलब है कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने यूनाइटेड किंगडम पर 70 वर्षों तक राज किया. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय दुनिया में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली शासक हैं. 1952 में जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को राजगद्दी मिली थी तो उनकी उम्र उस समय महज 26 साल थी.
