चंडीगढ़. पंजाब के अमृतसर के डडुआना गांव में ईसाई मिशनरियों के कार्यक्रम में बाधा डालने के आरोप में 150 निहंगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद यह मामला अब तूल पकड़ गया है. श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दावा किया कि निहंग जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध कर रहे थे, इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए. एक पादरी की शिकायत पर निहंग नेता बाबा मेजर सिंह सहित उनके लगभग 150 समर्थकों पर मामला दर्ज किया गया है. हालांकि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का कहना है कि निहंग वे हैं जो खालसा आचार संहिता का सख्ती पालन करते हैं.
इस बीच एडवोकेट धामी ने भी कुछ तथाकथित ईसाई मिशनरियों द्वारा ईसाई धर्म के नाम पर धर्म परिवर्तन के लिए पंजाब में किए जा रहे शरारती प्रयासों की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि मेहता रोड पर डडुआना गांव में धर्म परिवर्तन के लिए काम करने वाले कुछ लोगों को रोकने के प्रयास के बाद निहंग सिखों के खिलाफ मामला दर्ज करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, जो सरकार के कामकाज पर सवाल उठाता है.
धामी ने आगे कहा कि यह दुखद है कि कुछ लोग जानबूझकर पंजाब के माहौल को सांप्रदायिक रंग देकर बिगाड़ रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पंजाब सरकार को डडुआना क्षेत्र में निहंग सिखों के खिलाफ दर्ज मामले को तुरंत रद्द करना चाहिए, जिन्होंने धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए आवाज उठाई और सख्त कार्रवाई की. लोगों को जबरन धर्म परिवर्तन करा रहे लोगों के खिलाफ लुभाने, कपटपूर्ण तरीके से और अंधविश्वास फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
उधर भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां ने भी धर्म परिवर्तन रोकने वाले निहंग सिखों पर पुलिस द्वारा दर्ज किए मामले को रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बाबा मेजर सिंह सोढ़ी सहित 150 लोगों पर दर्ज किया गया मामला मानवता को शर्मसार करता है और साबित करता है कि पुलिस झूठ के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाए सच्चे लोगों को दबाने में लगी है. उन्होंने कहा कि ऐसे झूठे मामले बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे. वह उच्च अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.
