चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) नियम, 1964 में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी गई है। इन संशोधनों का उद्देश्य शामलात (साझा) भूमि का उपयोग दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण और गौ संरक्षण के लिए सुनिश्चित करना है।
दिव्यांगों के लिए आरक्षण
नए संशोधनों के तहत, अब खेती के लिए पट्टे पर दी जाने वाली ग्राम पंचायत की कुल भूमि में से 5 प्रतिशत भूमि 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए आरक्षित की जाएगी।
नियम 6(2) में संशोधन: यह प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि दिव्यांग व्यक्तियों को आजीविका के अवसर मिलें और वे आत्मनिर्भर बन सकें। यह कदम समावेशी विकास की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
गौशालाओं के लिए भूमि पट्टे का प्रावधान
गौ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने नियम 6(2ए) में भी एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी है।
रियायती दर पर पट्टा: अब ग्राम पंचायतें गौ अभ्यारण्य स्थापित करने के उद्देश्य से पशुपालन एवं डेयरी विभाग या हरियाणा गौ सेवा आयोग को 20 वर्ष की लंबी अवधि के लिए भूमि पट्टे पर दे सकेंगी।
पट्टे की दर: इस भूमि के लिए पट्टे की दर मात्र ₹5100 प्रति एकड़ प्रति वर्ष निर्धारित की गई है, जो गौशालाओं के संचालन की लागत को कम करने में मदद करेगी।
ग्राम पंचायतों को मिले अधिकार
इसके अलावा, बैठक में ग्राम पंचायतों को और अधिक अधिकार देते हुए यह भी निर्णय लिया गया कि अब वे अपने स्तर पर 250 एकड़ तक की भूमि के लिए ‘भूमि उपयोग योजना’ (Land Use Plan) तैयार कर सकेंगी। इस कदम से स्थानीय स्तर पर विकास योजनाओं को गति मिलेगी और पंचायतें अपनी जरूरतों के अनुसार भूमि का बेहतर प्रबंधन कर पाएंगी।
ये सभी निर्णय हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक कल्याण, गौ संरक्षण और विकेंद्रीकृत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।
