दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) के तहत एक बड़े ड्रग सिंडिकेट को ध्वस्त कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस ऑपरेशन में पुलिस ने सिंडिकेट के एक प्रमुख सदस्य को गिरफ्तार किया और 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की हेरोइन बरामद की। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूत करती है और नशा मुक्त भारत के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
4 अप्रैल को शुरू हुई जांच
दिल्ली पुलिस ने इस मामले की शुरुआत 4 अप्रैल 2025 को कबीर नगर, दिल्ली में इमरान उर्फ चड्डी उर्फ मोटा की गिरफ्तारी के साथ की। इमरान को एक हुंडई वेन्यू कार से 315 ग्राम हेरोइन की डिलीवरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। उसके खिलाफ NDPS एक्ट की धारा 21 और 25 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस गिरफ्तारी ने ड्रग तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को उजागर करने में मदद की।
इमरान के खुलासे से सूरज तक पहुंची पुलिस
पूछताछ के दौरान इमरान ने बताया कि जब्त हेरोइन उसे न्यू उस्मानपुर के रहने वाले सूरज उर्फ राजा उर्फ ठाकुर ने सप्लाई की थी। इस जानकारी के आधार पर इंस्पेक्टर शिव कुमार की अगुआई वाली ANTF टीम ने त्वरित कार्रवाई की। 21 अप्रैल 2025 को सूरज उर्फ राजा उर्फ आशीष उर्फ ठाकुर (40) को शास्त्री पार्क फ्लाईओवर के पास पुस्ता रोड, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। वह अपनी स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पर 97 ग्राम हेरोइन की डिलीवरी करने जा रहा था।
सूरज का आपराधिक इतिहास
जांच में खुलासा हुआ कि सूरज का पहले से आपराधिक रिकॉर्ड है, जिसमें लूट और झपटमारी के पांच मामले दर्ज हैं। वह ड्रग तस्करी नेटवर्क का अहम हिस्सा था और दिल्ली में हेरोइन की सप्लाई में सक्रिय रूप से शामिल था। दिल्ली पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और ड्रग्स के स्रोतों का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है।
नशा मुक्त भारत अभियान का महत्व
नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) 15 अगस्त 2020 को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश को नशे से मुक्त करना है। यह अभियान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय, और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से चलाया जा रहा है। दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई इस अभियान के तहत ड्रग तस्करी के खिलाफ सख्त रुख को दर्शाती है। पुलिस ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे ड्रग तस्करी से संबंधित किसी भी जानकारी को साझा करें ताकि नशा मुक्त समाज बनाने में सहयोग मिल सके।
आगे की जांच और कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले में ड्रग सप्लाई चेन के सभी पहलुओं की जांच कर रही है। डीसीपी अपूर्वा गुप्ता के अनुसार, पुलिस बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज पर ध्यान दे रही है ताकि इस सिंडिकेट के पूरे नेटवर्क को खत्म किया जा सके। इस ऑपरेशन को ‘क्लीन स्वीप’ नाम दिया गया है, जो ड्रग्स के खिलाफ दिल्ली पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नागरिकों से सहयोग की अपील
दिल्ली पुलिस ने लोगों से ड्रग तस्करी के खिलाफ जागरूक रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी देने की अपील की है। नशा मुक्त भारत अभियान में नागरिकों की भागीदारी से ड्रग्स के खिलाफ इस लड़ाई को और मजबूती मिलेगी। ड्रग डी-एडिक्शन हेल्पलाइन नंबर 14446 पर संपर्क कर मदद ली जा सकती है।