केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की टर्म और रेफरेंस को दी मंजूरी, नया वेतन आयोग एक जनवरी 2026 से होगा लागू
8th Pay Commission (द भारत ख़बर), बिजनेस डेस्क : हर सरकारी कर्मचारी और पेंशनर जिस बात का बेसबरी से इंतजार करता है वह होती है वेतन और पेंशन वृद्धि। इस वृद्धि में हर 10 साल बाद होने वाले वेतन आयोग की अहम भूमिका होती है। वेतन आयोग लागू होने के बाद हर कर्मचारी और पेंशनर को उसके पद के अनुसार काफी ज्यादा वित्तीय लाभ होता है। इसी के चलते केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग की टर्म और रेफरेंस को मंजूरी दे दी है।
वेतन आयोग की सिफारिशों से लगभग 50 लाख केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा। वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन की तिथि के बारे में पूछे जाने पर सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद विशिष्ट तिथि तय की जाएगी… लेकिन, संभवत: यह 1 जनवरी, 2026 होगी।
जनवरी 2025 को दी थी सैद्धांतिक मंजूरी
मंत्रिमंडल ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। इसकी सिफारिशों के आधार पर सरकार केंद्रीय कर्मियों और पेंशनधारकों को दी जाने वाली राशि तय करेगी। ऐसे में आठवां वेतन आयोग लागू होने के बाद सभी लेवल के कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। माना जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद लोअर डिविजन क्लर्क (छऊउ) की सैलरी और पेंशनधारकों के पेंशन में बड़ा इजाफा दिख सकता है। इसके बारे में हम आगे जानेंगे पहले जानते हैं सातवें वेतन आयोग ने क्या किया था, और इसके लागू होने से कर्मचारियों को क्या फायदा मिला।
यह बदलाव होने की ज्यादा संभावना
आठवां वेतन आयोग एक नया पे मैट्रिक्स जारी करेगा। ऐसे में एलडीएस जैसे कर्मचारियों का नया मूल वेतन 26,000 से शुरू होकर लेवल-2 या 3 के पहले सेल में 59,700 या उससे अधिक तक पहुंच सकता है। कर्मचारियों को अब उम्मीद है कि आठवें वेतन आयोग से भी इसी तरह बड़ा फायदा मिलेगा और महंगाई को देखते हुए आयोग वेतन के गणित में बड़े बदलाव की सिफारिशों को मंजूरी देगी।
इतना वेतन बढ़ने की है उम्मीद
आठवां वेतन आयोग मुख्य रूप से फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम मूल वेतन पर अपनी सिफारिशें देगा। वर्तमान में न्यूनतम बेसिक वेतन 18,000 से 19,900 के बीच है। इसे बढ़ाकर लगभग 26,000 तक किए जाने की संभावना है। कर्मचारी संघों की मांग और महंगाई के स्तर को देखते हुए यह बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना था। अगर आठवें वेतन आयोग में यह 3.00 से 3.42 गुना तक तय होता है, तो सैलरी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
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