कपास किसान ऐप: हरियाणा सहित देश भर के कपास किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। भारतीय कपास निगम (CCI) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कपास की खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए ‘कपास किसान’ (Kapas Kisan) नाम का एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप को 2 सितंबर, 2025 को केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने जारी किया था। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य किसानों को मंडियों की लंबी लाइनों, पेपरवर्क के झंझट और बिचौलियों से बचाकर उनकी उपज का सही मूल्य दिलाना है।
कैसे काम करेगा ‘कपास किसान’ ऐप?
यह ऐप किसानों को कई आधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है:
सेल्फ-रजिस्ट्रेशन: किसान अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर का उपयोग करके घर बैठे खुद को पंजीकृत कर सकते हैं। ऐप यह जानकारी ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल से स्वतः सत्यापित कर लेता है।
स्मार्ट स्लॉट बुकिंग: किसान अपनी सुविधा के अनुसार कपास बेचने के लिए नजदीकी खरीद केंद्र और समय (स्लॉट) चुन सकते हैं, जिससे मंडियों में भीड़ और इंतजार से बचा जा सकेगा।
पेमेंट ट्रैकिंग: गुणवत्ता जांच के बाद, भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में भेजा जाएगा। किसान ऐप पर ही अपनी पेमेंट की स्थिति को रियल-टाइम में ट्रैक कर सकते हैं।
बहुभाषी समर्थन: किसानों की सुविधा के लिए ऐप में हिंदी, पंजाबी और हरियाणवी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं का विकल्प भी उपलब्ध है।
किसानों को क्या होगा फायदा?
MSP की गारंटी: किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने की गारंटी होगी, जिससे उन्हें मजबूरी में कम दाम पर (डिस्ट्रेस सेल) अपनी फसल नहीं बेचनी पड़ेगी।
पारदर्शिता और समय की बचत: पूरी प्रक्रिया डिजिटल होने से पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों का कीमती समय बचेगा।
बिचौलियों से मुक्ति: किसान सीधे CCI को अपनी फसल बेच पाएंगे, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएगी।
इन बातों का रखें ध्यान
आधार-लिंक्ड मोबाइल: इस ऐप का उपयोग करने के लिए आपका मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है।
नमी की मात्रा: CCI द्वारा खरीद के लिए कपास में नमी की मात्रा 12% से कम होनी चाहिए।
पंजीकरण की अंतिम तिथि: फसल वर्ष 2025-26 के लिए इस ऐप पर पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2025 है।
कुछ राज्यों में implementación की चुनौतियां
हालांकि यह ऐप एक क्रांतिकारी कदम है, लेकिन महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में इसके क्रियान्वयन में शुरुआती दिक्कतें भी सामने आई हैं। कई किसानों ने ऐप के ठीक से काम न करने और पंजीकरण में आ रही समस्याओं की शिकायत की है, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान संगठनों ने पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की है ताकि कोई भी किसान इस योजना के लाभ से वंचित न रह जाए।
