केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है। CRPF ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर कहा है कि राहुल गांधी पिछले 9 महीनों में 6 बार विदेश गए और इस दौरान उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को पहले से कोई जानकारी नहीं दी।
एजेंसी के मुताबिक राहुल गांधी ने इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया की यात्राएं बिना सूचना दिए कीं। CRPF ने राहुल गांधी को भी एक अलग पत्र भेजकर चेतावनी दी है कि इस तरह की चूक से उनकी Z+ कैटेगरी सुरक्षा कमजोर पड़ सकती है और उन्हें गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
राहुल गांधी की हालिया विदेश यात्राएं
CRPF ने अपने पत्र में राहुल गांधी की विदेश यात्राओं का ब्योरा दिया है –
30 दिसंबर से 9 जनवरी – इटली
12 से 17 मार्च – वियतनाम
17 से 23 अप्रैल – दुबई
11 से 18 जून – कतर
25 जून से 6 जुलाई – लंदन
4 से 8 सितम्बर – मलेशिया
सुरक्षा में चूक के उदाहरण
CRPF ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। एजेंसी ने बताया कि 2020 से अब तक 113 बारसुरक्षा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हो चुका है।
कुछ बड़े मामले इस प्रकार हैं –
अगस्त 2025, पूर्णिया (बिहार): वोटर अधिकार रैली में एक युवक राहुल गांधी के करीब पहुंच गया और उन्हें किस कर लिया। सुरक्षाबलों को तुरंत हस्तक्षेप करना पड़ा।
जनवरी 2023, काजीगुंड (जम्मू-कश्मीर): भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भीड़ ने राहुल को घेर लिया। लगभग आधे घंटे तक सुरक्षाकर्मी उन्हें निकालने में लगे रहे।
फरवरी 2022, लुधियाना (पंजाब): रैली के दौरान राहुल गांधी ने कार का शीशा खोला तो किसी ने कार पर झंडा फेंका, जो सीधे उनके चेहरे पर लगा।
Z+ सिक्योरिटी और एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL)
राहुल गांधी को Z+ कैटेगरी सुरक्षा के साथ एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) कवर मिला हुआ है। यह एक उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है जिसमें—
यात्रा स्थल पर पहले से सुरक्षा खामियों की जांच होती है।
जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य विभाग आदि के साथ समन्वय किया जाता है।
धमाकों या हमलों की आशंका को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपकरणों और रास्तों की समीक्षा की जाती है।
आपातकालीन स्थिति के लिए खास प्रोटोकॉल और रिहर्सल होती है।
‘येलो बुक प्रोटोकॉल’ के तहत राहुल गांधी जैसे VVIPs को अपनी यात्रा की पूरी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को पहले से देनी होती है।
SPG सुरक्षा हटने के बाद CRPF के जिम्मे सुरक्षा
गौरतलब है कि 2019 में केंद्र सरकार ने गांधी परिवार से SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) सिक्योरिटी वापस ले ली थी। इसके बाद राहुल, सोनिया और प्रियंका गांधी को Z+ श्रेणी की CRPF सुरक्षा दी गई थी। SPG सुरक्षा गांधी परिवार को करीब 30 साल तक मिली रही थी।
बड़ा सवाल
अब जब CRPF ने खुद पत्र लिखकर राहुल गांधी को सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने का जिम्मेदार ठहराया है, तो यह सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी अपनी सुरक्षा को हल्के में ले रहे हैं? और अगर ऐसा है, तो क्या बार-बार सुरक्षा में हुई चूक उनके लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकती है?
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