रांची. झारखंड में राजनीतिक हलचल के बीच मुख्यमंत्री आवास पर सत्ताधारी दल के विधायकों की चार घंटे तक बैठक चली. चुनाव आयोग के आने वाले फैसले से पहले आहूत UPA की बैठक से 11 विधायक अनुपस्थित रहे. कांग्रेस के 7 और जेएमएम के 4 विधायक अलग-अलग वजहों से बैठक में शामिल नहीं हो सके. वैसे तो बैठक के बाद विधायकों की जुबां पर सुखाड़-सुखाड़ और सुखाड़ का ही मुद्दा छाया रहा. लेकिन, इस बीच सबने एक स्वर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ही अपना नेता माना और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा .
झारखंड में जारी राजनीतिक हलचल का केंद्र बिंदु शनिवार को मुख्यमंत्री आवास बना रहा. मुख्यमंत्री आवास पर करीब 4 घंटे तक सत्ताधारी दल के विधायकों की बैठक चलती रही. हाल के दिनों में राज्य के मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के भविष्यवाणी के मद्दे नजर इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था. UPA की बैठक में कुल 37 विधायक देर-सबेर ही सही पर उवस्थिति दर्ज कराने में सफल रहे. मतलब 11 विधायक किसी ना किसी वजह से शामिल नहीं हो सके. UPA बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों में कांग्रेस के 7 और जेएमएम के 4 विधायकों के नाम शामिल है.
कैश कांड में शामिल इरफान अंसारी , राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाडी शामिल हैं. इन तीन विधायकों का पहले से ही नहीं आना तय था. इसके अलावा ममता देवी स्वास्थ्य कारणों से और शिल्पी नेहा तिर्की दिल्ली में रहने की वजह से शामिल नहीं हो सकी. कांग्रेस के भूषण बाड़ा और पूर्णिमा नीरज सिंह भी शामिल नहीं हुई. इसी तरह जेएमएम के चमरा लिंडा , सरफराज अहमद , समीर मोहंती और बसंत सोरेन शामिल नहीं हुए.
वहीं इस बारे में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जो विधायक बैठक में नहीं पहुंचे है. उन्होंने पार्टी के समक्ष अपनी वजह बता दी है. उन्होंने कहा कि अनुपस्थिति का कही कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिये. कांग्रेस के विधायक पूरी तरह एकजुट है.
सभी विधायकों ने दोहराई सुखाड़ की बात
राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ घंटों से कई तरह के कयास लगाए जा रहे है. जब UPA बैठक के बाद जेएमएम-कांग्रेस और राजद के विधायक निकले तो उन्होंने मीडिया का ध्यान सुखाड़ पर केंद्रित कर दिया, जिससे पूछो वो सुखाड़ के हालात और उसके दर्द से कराह रहे किसानों की परेशानी थी. ये बात सच है कि बैठक के दौरान सुखाड़ का मुद्दा सबसे ज्यादा गर्म रहा. जेएमएम के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि बैठक में सिर्फ और सिर्फ सुखाड़ पर चर्चा हुई है. कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि गोड्डा जिले में मात्र 5 प्रतिशत ही रोपनी हो पाई है. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने सुखाड़ को लेकर सरकार की तैयारी को सबके समक्ष रखा. साथ ही ये भी कहा कि वैकल्पिक खेती को लेकर कार्य योजना तैयार कर ली गई है
मीडिया के सवालों पर भले ही UPA विधायकों का जवाब सुखाड़ तक ही सीमित रही हो, पर सच्चाई यही है. इस सुखाड़ के बहाने सरकार ने बंद कमरे में अपने सियासी मैदान को सींचने की भरपूर कोशिश की . आने में कुछ दिनों में इस बैठक का महत्व राजनीति के धरातल पर देखने को मिलेगा.
