गुमला. झारखंड के गुमला जिले के डुमरी प्रखंड के खेतली पंचायत के रतासीली ग्राम में लकवा बीमारी का डर देखने को मिला है. एक ही परिवार के दर्जन भर से अधिक लोग लकवा बीमारी का शिकार हो चुके हैं, जिसमे अब तक 07 लोगों की मौत लकवा बीमारी से हो चुकी है. जबकि लगभग आधा दर्जन लोग अभी भी लकवा बीमारी की चपेट में है जिसमे कई लोग का अंग काम नहीं कर रहा है. परिजन अंधविश्वास में रह कर मरीज का जड़ी-बूटी से इलाज करवा रहे हैं.
बता दें, रतासीली गांव में वर्तमान में कवर समुदाय के लगभग 35 परिवार के लोग रहते हैं, जिनकी संख्या 150 से 200 के बीच है. परिवार की एक सदस्य 35 वर्षीय ललिता देवी की लकवे के कारण मौत भी हो गयी है. मृतका के पति विजय कवर भी लगभग एक दशक से लकवा बीमारी से जूझ रहे हैं, शुरुआती दौर में इलाज भी कराया गया था जिसका लाभ नहीं मिला. अभी भी एक अंग काम नहीं करता है.
इन लोगों को हुआ लकवा
मृतका के ससुर भूलन कवर ने बताया कि विगत 12 वर्षों में मेरे परिवार के 07 व्यक्तियों की मौत लकवा बीमारी के कारण हो चुकी है जिसमें बादल कवर – पुत्र (18), महादेव कवर – पिता (80), मुन्नी देवी – माता (75), लखराम कवर – चचेरा भाई (45), लखसाय कवर – चचेरा भाई (67), रौनिया देवी – भाभो (64) एवं ललिता देवी – बहु (35) मौत हो चुकी है. जबकि विजय कवर – पुत्र (40), लुकईर देवी – पत्नी (60), संजय कवर – भतीजा (42) सहित 65 वर्षीय भुलन कवर स्वयं भी इस बीमारी से ग्रसित हैं.
ग्रामीणों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
इधर लकवा के कारण हो रही मौत को लेकर चिंता जताते हुए प्रशासन से मेडिकल जांच एवं आर्थिक सहयोग तथा राशन कार्ड बनवाने की गुहार लगाई है. ग्रामीण की माने तो पिछले 12 वर्षों में लगभग 15 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से अकेले पीड़ित कवर परिवार के ही 7 लोग शामिल हैं. बताया जाता है कि गांव में इस तरह लगातार होने वाली मौत को देखते हुए जानकारी के आभाव में लोग अंधविश्वास का शिकार हो जाते हैं और डायन बिसाही जैसे भ्रामक तथ्यों से इसे जोड़कर देखने लगते हैं, जिससे आए दिन अप्रिय घटनायें घटती रहती है.
