Punjab News: पंजाब के तीन जिलों में बाढ़ से फसलों को हुए भारी नुकसान के बावजूद धान की खरीद ने सबको चौंका दिया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में धान की शत-प्रतिशत खरीद से घोटाले की चर्चा तेज हो गई है। इसके बाद, पंजाब खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने तीनों जिलों के उपायुक्तों को एक अधिसूचना जारी की है।
तीनों जिलों के उपायुक्तों से तीन दिन में जवाब मांगा गया है। गौरतलब है कि अमृतसर में 99 प्रतिशत, फाजिल्का में 100 प्रतिशत और तरनतारन में 96 प्रतिशत धान की मंडियों में आवक हो चुकी है और धान की आवक अभी भी जारी है। बेमौसम बारिश और बाढ़ के कारण इन जिलों में धान की आवक में कमी की खबरें आ रही थीं।
हैरानी की बात यह है कि जहां बाढ़ से फसल को नुकसान हुआ था, वहां इस बार पिछले साल के मुकाबले ज्यादा धान की आवक हो रही है। इस अप्रत्याशित स्थिति को देखते हुए, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने तीनों जिलों के उपायुक्तों से तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण माँगा है कि यह ‘चमत्कार’ कैसे संभव हुआ या कहीं कोई बड़े पैमाने पर घोटाला तो नहीं हुआ।
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जानकारी के अनुसार, अगस्त और सितंबर के महीनों में पंजाब के कई हिस्सों में भीषण बाढ़ आई थी, जिसे राज्य और केंद्र सरकारों ने आपदा घोषित किया था। सीमावर्ती इलाकों में कृषि को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ था और अनुमान लगाया गया था कि इस क्षेत्र में धान की पैदावार 70 प्रतिशत तक कम होगी। इसलिए, केंद्रीय टीमों द्वारा प्रभावित किसानों को राहत और मुफ़्त बीज उपलब्ध कराए गए।
हैरानी की बात यह है कि तरनतारन, अमृतसर और फाज़िल्का जिलों में अब तक न केवल शत-प्रतिशत ख़रीद हो चुकी है, बल्कि और ज़्यादा फ़सल होने की संभावना भी जताई जा रही है। इस पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शीर्ष अधिकारी राहुल तिवारी ने तीनों उपायुक्तों को बाढ़ के बावजूद यह ख़रीद कैसे संभव हुई, इस पर विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
