दिल्ली : भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने हाल ही में सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग के दौरान पाकिस्तान के उस दावे को सिरे से खारिज किया, जिसमें उसने भारत के छह लड़ाकू विमानों को गिराने का दावा किया था। जनरल चौहान ने इसे “पूरी तरह गलत” बताते हुए कहा कि संख्या से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि विमान क्यों गिराए गए। उन्होंने स्वीकार किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कुछ भारतीय लड़ाकू विमान गिराए गए थे, लेकिन इसने भारतीय वायुसेना को अपनी रणनीति में सुधार करने और पाकिस्तान के अंदर गहरे लक्ष्यों पर सटीक हमले करने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये संघर्ष कभी भी परमाणु स्तर तक नहीं पहुंचा और दोनों देशों ने संयम बनाए रखा।
जनरल चौहान ने कहा, “संख्या महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि विमान क्यों गिराए गए और हमने उनसे क्या सीखा।” उन्होंने बताया कि प्रारंभिक नुकसान के बाद भारतीय वायुसेना ने अपनी रणनीति में सुधार किया और पाकिस्तान के अंदर गहरे लक्ष्यों पर सटीक हमले किए, जिससे पाकिस्तान की महत्वपूर्ण सैन्य सुविधाओं को नुकसान पहुंचा।
उन्होंने यह भी कहा कि संघर्ष के दौरान दोनों देशों ने संयम बनाए रखा और परमाणु स्तर तक नहीं पहुंचे। यह बयान पाकिस्तान के उस दावे के विपरीत था जिसमें उसने कहा था कि संघर्ष के दौरान दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध का खतरा था।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान के इस बयान ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए भारत की सैन्य रणनीति और संयम को स्पष्ट किया। यह बयान भारतीय सेना की पेशेवरता और युद्ध के दौरान रणनीतिक सुधार की क्षमता को दर्शाता है।