एक ओर दिल्ली सरकार प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पुराने डीजल-पेट्रोल वाहनों पर सख्ती कर रही है, लेकिन दूसरी ओर कम प्रदूषण फैलाने वाली हाइब्रिड कारों को बढ़ावा नहीं देना उसके लिए घाटे का सौदा बनता जा रहा है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा की तुलना में दिल्ली में रोड टैक्स ज्यादा होने के कारण राजधानी के लोग अब बड़ी संख्या में हाइब्रिड कारें दिल्ली के बाहर खरीदने लगे हैं।
नतीजा यह है कि दिल्ली सरकार को हर महीने करीब ₹50 करोड़ का राजस्व नुकसान हो रहा है।
दिल्ली में 10% टैक्स, यूपी में टैक्स फ्री
वर्तमान में हाइब्रिड कारों पर दिल्ली में रोड टैक्स गाड़ी की कीमत का 10% लिया जा रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह टैक्स पूरी तरह माफ है। हरियाणा में भी यह टैक्स करीब 6.75% है, जो दिल्ली से काफी कम है।
20 लाख की हाइब्रिड कार अगर कोई दिल्ली में खरीदता है तो उसे करीब ₹5.5 लाख का अतिरिक्त टैक्स और सेस देना पड़ता है, जबकि यूपी में यही कार टैक्स फ्री मिल जाती है। यही वजह है कि दिल्ली के लोग गाजियाबाद, नोएडा, बागपत, मेरठ जैसे शहरों से गाड़ियां खरीद रहे हैं।
रिश्तेदारों या फर्जी पते पर हो रही रजिस्ट्रेशन
कार खरीदने वाले लोग या तो रिश्तेदारों के नाम पर रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं, या पड़ोसी राज्यों में आधार कार्ड बनवाकर खरीदारी कर रहे हैं। यूपी और हरियाणा के शोरूम में हाइब्रिड कारों की बिक्री 6 गुना तक बढ़ चुकी है।
पहले जहां एक महीने में 5-6 गाड़ियां बिकती थीं, अब ये संख्या 30-35 तक पहुंच गई है।
3 लाख तक की बचत, दिल्ली को बड़ा नुकसान
एक अनुमान के अनुसार, हर महीने दिल्ली के लोग लगभग 1000 हाइब्रिड कारें पड़ोसी राज्यों से खरीद रहे हैं। प्रति कार औसतन 2.5-3 लाख की बचत हो रही है, जिससे सरकार को जीएसटी, सेस और टैक्स में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों की राय: दिल्ली के लिए हाइब्रिड सबसे मुफीद
पूर्व परिवहन उपायुक्त और विशेषज्ञ अनिल छिकारा कहते हैं कि दिल्ली के लिए हाइब्रिड कारें बेहद उपयोगी हैं क्योंकि:
लालबत्ती पर और 40 किमी प्रति घंटा तक यह पूरी तरह इलेक्ट्रिक मोड पर चलती हैं।
दिल्ली की औसत ट्रैफिक स्पीड 40 किमी/घं से कम है।
इसलिए यह कारें शून्य प्रदूषण और कम खर्च वाली हैं।
इन्हें चार्ज करने की जरूरत नहीं, फिर भी ईंधन की खपत लगभग आधी है।
जनवरी से गिर रहा हाइब्रिड कारों का पंजीकरण
महीना | पेट्रोल | डीजल |
---|---|---|
जनवरी | 2060 | 2 |
फरवरी | 1022 | 6 |
मार्च | 1165 | 3 |
अप्रैल | 1388 | 2 |
मई | 1077 | 6 |
जून | 902 | 4 |
इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली में हाइब्रिड कारों का पंजीकरण लगातार गिर रहा है, जबकि पड़ोसी राज्यों में इनकी बिक्री बढ़ रही है।
प्रदूषण पर सख्ती और ईंधन बचत की दिशा में हाइब्रिड कारें दिल्ली के लिए वरदान साबित हो सकती हैं, लेकिन उच्च रोड टैक्स नीति सरकार के खुद के ही खिलाफ जा रही है। अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले महीनों में दिल्ली का कार बाजार और राजस्व दोनों कम हो सकते हैं।