
दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देशों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में फुटपाथों और सार्वजनिक स्थानों से अतिक्रमण हटाने का अभियान जोर पकड़ रहा है। सड़कों को सुगम और पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से पुलिस, नगर निगम, और स्थानीय रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने संयुक्त रूप से कार्रवाई शुरू की है। हालांकि, कई क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के बावजूद अगले ही दिन स्थिति जस की तस हो जा रही है, जिससे प्रशासन के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं।
पंचशील विहार और शेख सराए में कार्रवाई
पंचशील विहार में पुलिस और RWA ने संयुक्त गश्त कर सड़कों पर अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों और रेहड़ी-पटड़ी वालों को समझाया। दुकानदारों को सड़कें खाली करने और यातायात व्यवस्था में बाधा न डालने की हिदायत दी गई। वहीं, शेख सराए फेज वन में प्रशासन ने फुटपाथों से अतिक्रमण हटवाया, लेकिन अगले ही दिन रेहड़ी-पटड़ी वाले और अन्य अतिक्रमणकारी वापस लौट आए। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्थायी कार्रवाइयों से स्थायी समाधान नहीं निकल रहा।
जगदंबा कैंप और CGHS डिस्पेंसरी के सामने अतिक्रमण की समस्या
जगदंबा कैंप और CGHS डिस्पेंसरी के सामने भी फुटपाथों पर अतिक्रमण की समस्या बनी हुई है। प्रशासन द्वारा बार-बार कार्रवाई के बावजूद, अतिक्रमणकारी दोबारा कब्जा जमा लेते हैं। स्थानीय निवासियों ने शिकायत की है कि इन क्षेत्रों में पैदल चलना मुश्किल हो गया है, और सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है।
एपीजे रोड पर मछली बाजार का अतिक्रमण
एपीजे रोड पर शाम चार बजे के बाद मछली बेचने वालों द्वारा फुटपाथ पर कब्जा कर लिया जाता है। प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी यह समस्या बार-बार उभर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मछली बाजार के कारण सड़क पर गंदगी फैलती है और यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है।
प्रशासन का रुख और चुनौतियां
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पुलिस और नगर निगम को नियमित गश्त और अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है। दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने पहले ही हौज खास, यूसुफ सराय, और सरोजिनी नगर जैसे क्षेत्रों में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया है, जहां कानूनी कार्रवाई भी की गई।
हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले कहा था कि फुटपाथों को लगातार अतिक्रमण से मुक्त रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है, और कभी-कभार अभियान चलाकर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। विशेषज्ञों का मानना है कि अतिक्रमण की समस्या का स्थायी समाधान तभी संभव है, जब रेहड़ी-पटड़ी वालों के लिए वैकल्पिक स्थानों की व्यवस्था की जाए और नियमित निगरानी हो।
स्थानीय लोगों की मांग
स्थानीय निवासियों और RWA ने मांग की है कि प्रशासन अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ दीर्घकालिक उपाय करे। इनमें हॉकर जोन स्थापित करना, नियमित पुलिस गश्त, और अतिक्रमणकारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई शामिल है। पंचशील विहार के एक निवासी ने कहा, “हर बार कार्रवाई होती है, लेकिन अगले दिन फिर वही स्थिति हो जाती है। प्रशासन को अब स्थायी समाधान ढूंढना होगा।”
आगे की राह
दिल्ली प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अतिक्रमण के खिलाफ अभियान को और तेज किया जाएगा। नगर निगम और पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे दैनिक आधार पर फुटपाथों की निगरानी करें और दोबारा अतिक्रमण रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। साथ ही, रेहड़ी-पटड़ी वालों के लिए वैकल्पिक हॉकर जोन स्थापित करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।
हालांकि, जब तक इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जाता, दिल्ली की सड़कों और फुटपाथों पर अतिक्रमण की समस्या बनी रहेगी। प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि कार्रवाई का असर स्थायी हो, न कि अस्थायी।